भगवान पार्श्वनाथ: बीकानेर के जैन चिंतामणि पारसनाथ मंदिर में संगीतमय पूजा का आयोजन Lord Parshvanath: Organizing musical worship at Jain Chintamani Parasnath Temple in Bikaner
बीकानेर। जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के जन्म कल्याणक के अवसर पर भीनासर स्थित जैन चिंतामणि पारसनाथ मंदिर में सनातन पूजा और ध्यान विधि से संगीतमय पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयंतीलाल कोचर, पारस कोचर, सुंदरलाल कोचर, विजय कोचर, राजेंद्र कोचर तथा कोचर समाज और जैन समाज के काफी लोगों ने विधि विधान से पूजा कराने में सहयोग किया। बता दें कि जैन धर्मावलम्बियों में भगवान पार्श्वनाथ कीं शिक्षाओं को आज भी महत्व दिया जाता है।
पार्श्व नाथ की शिक्षाएं:-
- सदा सत्य बोलना
- चोरी ना करना
- संपत्ति ग्रहण ना करना
- हिंसा न करना
- आत्म संयम
जानकारी के अनुसार काशी में 83 दिन की कठोर तपस्या करने के बाद 84वें दिन उन्हें केवल ज्ञान प्राप्त हुआ था। पुंड़्र, ताम्रलिप्त आदि अनेक देशों में उन्होंने भ्रमण किया। पार्श्वनाथ ने चतुर्विध संघ की स्थापना की, जिसमे मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका होते है और आज भी जैन समाज इसी स्वरुप में है। केवल ज्ञान के पश्चात तीर्थंकर पार्शवनाथ ने जैन धर्म के चार मुख्य व्रत – सत्य, अहिंसा, अस्तेय और अपरिग्रह की शिक्षा भी दी थी।