दुर्घटना में घायल व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल में तुरन्त उपचार उपलब्ध कराना होगा अनिवार्य The person injured in the accident will have to provide immediate treatment to the nearest hospital
जयपुर, 6 जनवरी। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल में समय पर इलाज उपलब्ध ह सके इस दिशा में संवेदनशील निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2020-21 की अनुपालना में राज्य सरकार ने घायल व्यक्ति को नजदीक के निजी अस्पताल में तुरन्त उपचार सुविधा उपलब्ध कराने की अनिवार्यता के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि कई बार सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को वहां से गुजर रहे राहगीर पास के अस्पताल में ले जाते हैं और अस्पताल प्रबंधन द्वारा पहले पंजीकरण कराने एवं काउंटर पर पैसा जमा कराने को कहा जाता है, इससे घायल व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने से उसकी जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। ऎसे में निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशक (जोन), सीएमएचओ तथा पीएमओ को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सड़क दुर्घटना से संबंधित आपातकालीन परिस्थिति में जब अस्पताल एवं डॉक्टर से चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराने की आशा की जाती है, ऎसे डॉक्टर द्वारा इलाज नहीं किए जाने पर उसे भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यवसायिक आचार, शिष्टाचार और नैतिक) विनियम, 2002 के अध्याय-7 में व्यवसायिक कदाचार मानते हुए संबंधित डॉक्टर के खिलाफ विनियम के अध्याय-8 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार के इस फैसले से सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद के लिए आगे आने वाले अच्छे लोगों (गुड सेमरिटन) को प्रोत्साहन मिलेगा एवं घायल व्यक्ति को मौके पर मौजूद अथवा वहां से गुजरने वाले लोग अस्पताल ले जाने के बाद आने वाली परेशानियाें से बच सकेंगे।