व्यापार पर टेक्स का प्रहार कारोबारियों ने सीएम से फायर सेस हटाने की लगाई गुहार, Tax attack on businessmen, traders plead to remove fire cess from CM
बीकानेर। मंदी, नोटबंदी, जीएसटी व लाॅकडाउन ने व्यापार जगत को गहरा आघात पहुंचाया है। यह सिलसिला अभी थमा ही नहीं कि सरकार ने फायर सेस के रूप में एक और प्रहार कर उद्योग जगत की तो जैसे कमर ही तोड़ दी है। ऐसे माहौल में संघर्ष के दौर से गुजर रही इकाईयां तो दम ही तोड़ देगी। ये हालात देश के आर्थिक हितों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। पेट्रोल, डीजल व बिजली के आसमान छूते भावों के बीच अब फायर सेस ने कारोबारियों को चिंता में डाल दिया है। इस संबंध में बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वीरेंद्र किराडू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व स्वायत शासन मंत्री शान्ति धारीवाल को पत्र लिखकर फायर सेस टेक्स हटाने की मांग की है। पत्र में बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से जनवरी से फायर सेस के नाम से नया ‘कर’ सभी औद्योगिक व वाणिज्यिक भवनों पर लगाया गया है। यह ‘कर’ 15 मीटर की ऊंचाई तक के भवनों पर 50 रूपये प्रति वर्गमीटर व 15 मीटर से 40 मीटर तक 100 रूपये प्रति वर्गमीटर, 40 से 60 मीटर ऊंची बिल्डिंग पर 150 रूपये प्रति मीटर व 60 मीटर से ऊंची बिल्डिंग पर 200 रूपये प्रति वर्गमीटर है। इन दरों से गणना करने पर प्रत्येक औद्योगिक भवन पर लाखों रूपये फायर सेस व फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के बनेंगे और साथ ही एक ही मद में दोहरा कर लिया जा रहा है। वर्तमान में जहां एक ओर सभी औद्योगिक व व्यापारिक प्रतिष्ठान कोरोना महामारी के कारण आर्थिक हानि से जूझ रहे हैं। ऐसे में एक और नया ‘कर’ उसी मद में लगाना उचित नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार को औद्योगिक व व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह ‘कर’ तुरंत प्रभाव से वापस लेकर उद्योग एवं व्यापार को राहत प्रदान की जानी चाहिए।
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