नालबड़ी को ‘आदर्श गांव’ के रूप में करेंगे विकसित-कुलपति Nalbadi to be developed as ‘Adarsh Village’
– एसकेआरएयू ने यूनिर्वर्सिटी सोशल रिसपोंसिबिलिटी के तहत लिया गोद
बीकानेर, 4 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिसपोंसबिलिटी के तहत आगामी दो वर्षों के लिए नाल बड़ी गांव गोद लिया जाएगा। इस गांव को ‘आदर्श गांव’ के रूप में विकसित करने के प्रयास होंगे। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने सोमवार को इस संबंध में नाल बड़ी का दौरा किया तथा ग्रामीणों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति के निर्देशानुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा एक गांव गोद लिया जाकर, वहां विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इस क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा अब तक बेनीसर और गुसाईसर को दो-दो वर्षों के लिए गोद लिया जा चुका है। इसी क्रम में अब नाल बड़ी का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय नाल बड़ी के विकास के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ साझा प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाईयों द्वारा समय-समय पर कृषक प्रशिक्षण, प्रदर्शन, पौधारोपण, कृषि तकनीकी मार्गदर्शन, रोजगारोन्मुखी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसके लिए इकाई प्रभारियों के साथ नियमित समीक्षा बैठकें भी आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि किसानों को केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाने तथा इनका लाभ दिलाने के प्रयास भी होंगे। इस दौरान कुलपति ने किसानों से चर्चा की तथा कहा कि विश्वविद्यालय के द्वार उनके लिए सदैव खुले हैं। किसानों को कृषि संबंधी उचित मार्गदर्शन मिले तथा किसानों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जाए, ऐसे प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि किसान भी कृषि वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में रहें। इस दौरान उन्होंने नाल की भूरोलाई तलाई, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा ग्राम पंचायत भवन का अवलोकन किया तथा ‘विलेज प्रोफाइल’ के बारे में जानकारी ली। प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक डाॅ. प्रकाश सिंह शेखावत और गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डाॅ. विमला डुंकवाल ने संबंधित इकाईयों द्वारा किए जा सकने वाले कार्यों के बारे में बताया। इस दौरान मोहन सिंह नाल, सुरजाराम, कल्याण सिंह और सुमेर सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद रहे।