जीएसटी कानून के नियमों में संशोधन नहीं हो लागू, ऐसा क्यों बोल रहे हैं कारोबारी, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर No amendment in rules of GST law applicable, why businessmen are saying this, read full news to know
बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, नरेश मित्तल, दिलीप रंगा एवं किशन मूंधड़ा ने केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल से जीएसटी कानून के तहत नियमों में संशोधन लागू नहीं करने की केंद्र सरकार से अनुशंसा बाबत चर्चा की । प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि एक जनवरी से जीएसटी क़ानून के तहत होने वाले नियमों में संशोधन पूर्णतया व्यापारियों के लिए अहितकर है और इस संशोधित नियम से इंस्पेक्टर राज को बढावा मिलेगा। जहां व्यापारी पहले ही कोरोना महामारी के कारण भयंकर मंदी की मार झेल रहे हैं और व्यापारी वर्ग एक और सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठी ऐसे में जीएसटी ( #GST ) अधिकारियों के अधिकारों को बढावा देना व्यापारी हितों के साथ कुठाराघात होगा। नियमों के संशोधन में जीएसटी अधिकारी को इनपुट टेक्स क्रेडिट जैसे छोटे मामलों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने का अधिकार दे दिया गया है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन का समय अधिकतम 3 से बढाकर 7 दिन कर दिया गया है। अब किसी भी व्यापारी का नियमों की जानकारी के अभाव में किसी महीने में जीएसटीआर-1 व 3 बी में अलग राशि आती है या कर दायित्व कम या ज्यादा होता है तो इसके आधार पर अधिकारी जीएसटी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड भी कर सकते हैं। वर्तमान नियमानुसार 110% इनपुट टैक्स क्रेडिट किया जा सकता था लेकिन नए संशोधित नियम में इसे घटाकर 105% कर दिया गया है। नए संशोधित नियमों में 86 बी में बदलाव से इनपुट टेक्स क्रेडिट 99% तक ही क्लेम किया जा सकेगा। जिनकी सप्लाई प्रत्येक महीने में 50 लाख से ज्यादा है। जिसमें जीरो रेटेड सप्लाई व एग्जेमटेड सप्लाई शामिल नहीं है, तो 1% टेक्स कैश लेजर से जमा करवाना पड़ेगा। इन संशोधित नियमों में छोटे व्यापारियों को त्रैमासिक रिटर्न की सुविधा मिलेगी, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा और हर व्यापारी को अतिरिक्त टैक्स जमा करवाना होगा यदि किसी व्यापारी द्वारा किन्ही कारणों से लगातार 2 माह तक 3बी फ़ाइल नहीं किया जाता है तो नए नियमों के तहत जीएसटीआर-1 को ब्लॉक कर दिया जाएगा। नए संशोधित नियमों में ई-वे बिल की वैद्यता में कमी की गई है। पूर्व व्यवस्थानुसार 100 किमी की दूरी के लिए ई-वे बिल की वैद्यता एक दिन थी और अब 200 किमी की दूरी के लिए भी ई-वे बिल की वैद्यता एक दिन हो जाएगी। जीएसटी क़ानून की सत्यता देखें तो व्यापारी ही नहीं अफसर भी इसको ठीक से नहीं समझ पाए हैं और ऐसे संशोधित क़ानून से अफसरशाही और इंस्पेक्टर राज को फिर से बढ़ावा मिलेगा जो कि व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा देंगे और जहां एक और पूरा व्यापारी वर्ग अभी तक कोरोना के दंश से उभर नहीं पाया है ऐसे में सरकार द्वारा जीएसटी की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव कर व्यापारी वर्ग की कमर तोड़ने का अनीतिगत फैसला लिया है।