क्यों गठित की गई थी सामंत कमेटी, अब मंत्रालयिक कर्मचारी कर रहे हैं इस रिपोर्ट को सार्वजनिक की मांग, पढ़ें पूरी खबर
बीकानेर। अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने सामंत कमेटी सार्वजनिक करने की मांग की। यह रिपोर्ट मंत्रालयिक कर्मचारियों की वेतन बढ़ाने के लिए सरकार को सौंपी गई थी उसे एक साल से भी अधिक का वक्त हो गया है। सरकार उसे सार्वजनिक नहीं कर रही है । प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने अवगत कराया कि राज्य सरकार कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर करने हेतु डीसी सामंत सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता में 30 नवम्बर 2017 को सामंत कमेटी गठित की गई थी। इस समिति द्वारा अपना कार्यकाल पूर्ण करने के बावजूद दो बार कार्यकाल बढ़ाया गया। डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति निवारण समिति ने अपनी रिपोर्ट 5 अगस्त 2019 को राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी थी, परंतु आज 16 माह से अधिक हो जाने के बावजूद भी इस रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लेकर कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक किया गया है जिससे प्रदेश भर के कर्मचारियों में भारी रोष है। संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत ने अवगत कराया कि सभी संगठन राज्य सरकार से बार-बार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं, सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करना यह दर्शाता है कि कर्मचारियों के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं है। इस विषय में शुक्रवार को संघ की बैठक आयोजित हुई, जिसमें संघ के संभाग अध्यक्ष रसपाल सिंह, संघ के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री मधुसूदन सिंह, जिला अध्यक्ष प्रभु दयाल, विक्रांत जोशी, ताराचंद सिरोही, तरुण मोदी , हिमांशु खत्री आदि शामिल हुए।

