स्टूडेंट इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन का समापन
– गैर इंजीनियरिंग और विदेशी छात्रों को भी किया पुरस्कृत
पिलानी/जयपुर, 25 दिसंबर। भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएस- 2020) के अंतर्गत सीएसआईआर-सीरी और विज्ञान भारती-राजस्थान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे स्टूडेंट इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो का विधिवत समापन आज सीएसआईआर-सीरी के जयपुर केंद्र में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में हुआ। इस अवसर पर भारी उद्योग एवं संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि थे। वर्चुअल रूप से आयोजित किए गए इस इवेंट के समापन सत्र में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और भारत रत्न डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि वे विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चिंतन सोच विकसित करने पर बल देते थे। उन्होंने कहा कि अपनी सोच और विचारों के काराण वे लोक राष्ट्रपति के रूप में प्रसिद्ध हुए। इस अवसर पर उन्होंने महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद से जुड़े संस्मरणों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि छात्रों में वैज्ञानिक सोच का विकास होना बहुत जरूरी है, इसी के परिणामस्वरूप जब भारत में नए उद्योग, एमएसएमई और स्टार्ट अप्स विकसित होंगे तो आत्मनिर्भरता की संकल्पना का साकार होना अवश्यम्भावी है। इस अवसर पर अपने सीरी, पिलानी दौरे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह सीएसआईआर की प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला है। उन्होंने सीरी की उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसके वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक सोच और चिंतन की भी प्रशंसा की। अपने संबोधन में उन्होंने धार्मिक मूल्यों और भारतीय समाज के आलोक में अध्यात्म की भी चर्चा की। मेघवाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी रेखांकित करते हुए नई प्रतिभाओं की तलाश में हैकाथॉन और आईआईएसएफ जैसे आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक-सामाजिक उत्तरदायित्व की संकल्पना की चर्चा करते हुए उन्होंने एक भारत – श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने की बात कही।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़, पूर्व महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली ने देश में आईआईएसएफ जैसे महोत्सवों की प्रासंगिकता बताते हुए देश की युवा शक्ति की सराहना की। उन्होंने मुख्य अतिथि के संबोधन को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवा शक्ति को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करते हैं। डॉ राठौड़ ने कहा कि डिजिटल संस्करण के कारण इस वर्ष आयोजित किए जा रहे इस महोत्सव की पहुंच में आशातीत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नवाचार से ही भारत को समृद्ध बनाया जा सकता है और इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से नवोन्मेषी प्रतिभा को बढ़ावा दिया जा रहा है, यह भी सराहनीय है। इस अवसर पर उन्होंने डॉ महापात्रा के व्याख्यान का संदर्भ देते हुए मौसम विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति की चर्चा की।
इस अवसर पर डॉ मृत्युंजय मोहापात्रा, महानिदेशक, भारतीय मौसमविज्ञान विभाग; डॉ नकुल पाराशर, निदेशक, विज्ञान प्रसार तथा श्री वी के शर्मा, निदेशक, एम एस एम ई ने अपने आधार व्याख्यान (Keynote address) दिए।
डॉ मोहापात्रा ने अतिथियों के समक्ष बदलते भारत की तस्वीर प्रस्तुत की और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि विगत वर्षों में हमने ‘निर्भरता से आत्मनिर्भरता’ की यात्रा तय की है। उन्होंने बताया कि आज भारत के नागरिकों के परिश्रम और सरकारों के मार्गदर्शन से हमने खाद्यान्नों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के मामले में न केवल आत्मनिर्भर हुए हैं अपितु अब निर्यात करने की स्थिति में भी आए हैं। उन्होंने इस अवसर पर आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यक अर्थव्यवस्था, आधारभूत ढाँचा, प्रौद्योगिकी विकास तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था का उल्लेख किया। उन्होंने इस अवसर पर मौसम विज्ञान के क्षेत्र में हुए वैज्ञानिक प्रगति का उल्लेख किया और कहा कि इनमें स्वदेशी प्रणालियों पर निगरानी सिस्टम और स्वदेशी उपग्रहों का योगदान है।
डॉ नकुल पराशर, निदेशक, विज्ञान प्रसार ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से हम अपना वैज्ञानिक तथा सामाजिक उत्तरदायित्व (Scientific & Social Responsibility) निभा रहे हैं। उन्होंने देश और समाज के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों और समस्याओं पर अपने विचारों को मॉडल्स के रूप में प्रस्तुत कर उनके समाधान सुझाने के लिए प्रतिभागियों की सराहना की। सभी वक्ताओं ने इस आयोजन की संकल्पना के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन और विज्ञान भारती की सराहना की। उन्होंने देश में ज्ञान-विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रकार के विज्ञान महोत्सवों के अधिकाधिक आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार हम नए भारत के विकास और निर्माण को मूर्त रूप दे सेकेंगे। उन्होंने इस अवसर पर अपने विद्यार्थी जीवन के संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने वैज्ञानिक गतिविधियों के संचार और लोकप्रियीकरण की आवश्यकता बताई। अंत में उन्होंने आयोजन में सहयोग के लिए सीरी और विज्ञान भारती – राजस्थान की प्रशंसा की।
श्री
वी के शर्मा, निदेशक, एम एस एम ई, राजस्थान ने भी इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमें किसी की नकल करने के स्थान पर स्वयं की आवश्यकतानुसार नवाचार करना चाहिए। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आयात प्रतिस्थापन (Import Substitution) पर बल दिया। उन्होंने कोविड महामारी से देश के नागरिकों को लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद दिया। शर्मा ने कहा कि आत्मनिर्भरता और विकास के लिए में चिंतन की चिंगारी सुलगाना अनिवार्य है। अंत में उन्होंने इस आयोजन के लिए सीरी और विभा- राजस्थान की प्रशंसा की।
आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड आई टी के संस्थापक अध्यक्ष इंजी. अनुराग अग्रवाल इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संक्षिप्त संबोधन में अतिथियों ने विजेताओं को अपनी और अपनी संस्थाओं की ओर से शुभकामना दी तथा भविष्य में लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के आरंभ में विज्ञान भारती-राजस्थान के सचिव तथा एसईएमसी के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. मेघेन्द्र शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने मुख्य अतिथि अर्जुन राम मेघवाल सहित विशिष्ट अतिथियों, की-नोट वक्ताओं एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने सभी अतिथियों एवं ऑनलाइन जुड़े विद्यार्थियों आदि के समक्ष एसईएमसी-2020 की रूपरेखा प्रस्तुत की।
समापन सत्र के दौरान मॉडल प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की गई। इंजीनियरिंग वर्ग में विभिन्न वर्गों के विजेताओं का विवरण इस प्रकार है :
एग्रीटेक
टीम लीडर का नाम
संस्थान
एग्रीटेक 1st
अरविंदवासन एम
श्री साईंराम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु
एग्रीटेक 2nd
पवन ए
एमवीजे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु
एग्रीटेक 3rd
बोया वीरेश
चंदालावाडा रमानामा इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरुपति
आत्मनिर्भर भारत 1st
कैलाश एस
कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु, कोयंबटुर
आत्मनिर्भर भारत 2nd
कौस्तुभ अजगांवकर
पी सी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गोवा
आत्मनिर्भर भारत 3rd
जावेद अख्तर बरभूईयां
असम विश्वविद्यालय, सिल्चर
डिजिटल भारत 1st
एस. महेश
के पी आर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अरासुर, कोयंबटूर
डिजिटल भारत 2nd
दर्शन एम
अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर
डिजिटल भारत 3rd
रुत्विक पटेल
बिड़ला विश्वकर्मा महाविद्यालय, आनंद
स्वच्छ भारत 1st
कोंडुरी दुर्गा ए एन
वी सत्य प्रकाश
शशि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, तडेपल्लीगुडम
स्वच्छ भारत 2nd
आशुतोष साखा राम मांडपे
सीएसआईआर-नीरी, नागपुर
स्वच्छ भारत 3rd
गोकराकोंडा नवीन
बीवीसी इंजीनियरिंग कॉलेज
स्वस्थ भारत 1st
भवेश तिवारी
एज जी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
स्वस्थ भारत 2nd
निरोशिनी एस
पी एस जी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
स्वस्थ भारत 3rd
परेश के वी
मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मणिपाल
इसके अतिरिक्त गैर इंजीनियरिंग वर्ग के विजेताओं और प्रोत्साहन पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। साथ ही अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के वर्ग में हिरोशिमा विश्वविद्यालय के छात्र पुरस्कृत हुए।
इस कार्यक्रम के अंत में सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पी.सी. पंचारिया ने मंत्री अर्जुन मेघवाल की गरिमामयी उपस्थिति के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। छात्रों की प्रतियोगिता भावना और परिश्रम की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए प्रतिभागियों को भी धन्यवाद दिया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने आयोजन को मूर्तरूप देने और सफल आयोजन में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सहयोग देने के लिए सभी को धन्यवाद दिया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ परम्परागत रूप से दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन विज्ञान भारती के संयुक्त सचिव शैलेश जैन ने किया। एस ई एम सी एंड एक्सपो का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।