BikanerCrimeRajasthan

उदयपुर में बीकानेर की कम्पनी के साथ धोखाधड़ी, मामला दर्ज

5
(2)

उदयपुर।  शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में एक कंपनी के डायरेक्टर ने अपनी ही कंपनी के दो अन्य डायरेक्टरों के खिलाफ कंपनी से लाखों रुपए हड़पने का मामला दर्ज करवाया है। वहीं आरोपियों ने छल पूर्वक दूसरी कंपनी भी खोल ली है।  पुलिस सूत्रों के अनुसार बीकानेर निवासी छत्तीस प्रिय नारायण पुत्र लक्ष्मी नारायण जोशी ने आरोपी नीरज पुत्र यशवंत श्रीमाल निवासी चेतक सर्किल और मुजीबुर्रहमान पुत्र अजीज मोहम्मद निवासी सज्जन नगर मल्ला तलाई के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि वह और देव प्रिय नारायण, सुमन जोशी और नीरज श्रीमाल एक कंपनी मधुलिका हॉस्पिटैलिटीज प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर हैं । बाद में इस कंपनी में मुजीबुर्रहमान को डायरेक्टर बनाया गया था। मुजीबुर्रहमान और नीरज श्रीमाल दोनों के कंपनी के पास सारे हिसाब किताब और सारी जानकारी थी । इस कंपनी ने उदयपुर में भैरव गढ़ रिसोर्ट की लीज लेने का प्लान बनाया और सिक्योरिटी पैसा भी दे दिया, लेकिन किसी कारणवश भैरवगढ़ में काम नहीं हो पाया तो मालिकों ने सारा पैसा वापस दे दिया इसके बाद आरोपी नीरज श्रीमाल और मुजीबुर्रहमान ने अपनी कंपनी इंडियन हेरिटेज होटल्स एंड रिसोर्ट शुरू कर दी। इस दौरान यह तय हुआ कि  पूर्व की कंपनी से इस्तीफा दे देंगे और सारा हिसाब साफ कर देंगे। दोनों आरोपी टालमटोल करते रहे और इसके बाद इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कंपनी ने जांच की तो सामने आया कि आरोपियों ने अलग-अलग समय में कंपनी के खाते से खुद की कंपनी और खुद के खाते से ₹49 लाख 86 हजार 639 रूपए ट्रांसफर कर लिए हैं।  इसके साथ ही भैरवगढ़ होटल छोड़ने के दौरान कंपनी के खाते में ₹4 लाख 14 हजार 337 रूपए जमा है और बाद में कंपनी के खाते में 63 लाख 49 हजार 294 रूपए अलग से वसूल योग्य राशि अलग से जुटाई थीं।  इस खाते से आरोपियों ने 67 लाख 63 हजार 671 रूपए अपनी कंपनियों व व्यक्तिगत मित्रों के खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिए । वर्ष 2016 में लाइसेंस के लिए 8 लाख 30 हजार रूपए कंपनी द्वारा जमा करवाए थे जिससे 6 माह में कंपनी छोड़ देने पर सवा चार लाख रूपए आरोपी द्वारा अपनी कंपनी से प्रार्थी की कंपनी को देना था वह नहीं दिया। इसी तरह नीरज श्रीमाल ने स्टाफ का वेतन काटने को लेकर ₹3 लाख नगद ले गया था जो उसने हड़प लिया। इस तरह से आरोपियों ने लाखों का गबन किया है। पीड़ित की ओर से न्यायालय में परिवाद पेश कर न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज करवाया गया है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply