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ईसीबी के सहायक आचार्य जितेंद्र जैन को डॉक्टरेट की उपाधि, हृदय की अनियमित गतिविधियों का पहले ही लगाया जा सकता है पता

बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के सहायक आचार्य जितेंद्र जैन को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। उन्होंने प्रो. रंजन माहेश्वरी आरटीयू कोटा के निर्देशन में “हार्ट रेट वेरीएबिलिटी एनालिसिस आफ नॉरमल इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम इन यंग एडल्ट्स” विषय पर शोध कार्य पूर्ण किया है। महाविद्यालय प्राचार्य ने डॉ. जयप्रकाश भामू ने इस उपलब्धि पर बधाई दी l

शोध की उपयोगिता: जैन के शोध से हार्ट रेट वेरीएबिलिटी (एच.आर.वी.) के माध्यम से हृदय की अनियमित गतिविधियों का पूर्व में पता लगाया जा सकता है जिससे हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों के परिणाम से बचा जा सकता है। इसके साथ ही यह सिग्नल ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम की जानकारी भी देता है जिससे मस्तिष्क और उससे जुड़ी कई अनियमितताओं जैसे अल्जाइमर, पार्किंसन, तनाव और मनोचिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ी अन्य कई गंभीर बीमारियों का अध्ययन किया जा सकता है।

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