देशभर के कृषि संस्थानों की रैंकिंग में 29वें पायदान पर पहुंचा हमारा कृषि विश्वविद्यालय
– गत वर्ष की रैंकिंग में मिला था 57वां स्थान
– कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के नेतृत्व में मिली एक ओर बड़ी सफलता
बीकानेर, 4 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने देश भर के कृषि संस्थानों की वार्षिक रैंकिंग में 29वां स्थान हासिल किया है। गत वर्ष विश्वविद्यालय 57वीं रैंकिंग पर था। इस प्रकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा इस वर्ष की रैंकिंग में एसकेआरएयू ने रैंकिंग में 28 स्थानों की बड़ी छलांग लगाई है।
इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने प्रसन्नता जताई है और विश्वविद्यालय के सभी कार्मिकों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि रैंकिंग सुधार उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। सतत एवं सामूहिक प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हो पाई है। उन्होंने बताया कि देशभर के 75 कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों तथा राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों द्वारा वर्ष भर किए गए कार्यों के आधार पर यह रैंकिंग तय की गई है।
इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा आईसीएआर के निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकियों, फसलों, आधारभूत सुविधाओं में वृद्धि, जेआरएफ, एसआरएफ एवं विद्यार्थियों की अन्य महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों, शोध पत्रों, किसानों से संबंधित गतिविधियों जैसे बिंदु सम्मिलित थे। उन्होंने बताया कि रैंकिंग सुधार के लिए माइक्रो लेवल पर प्लानिंग की गई तथा प्रत्येक रैंकिंग बिंदु पर विशेष ध्यान दिया गया। संबंधित इकाईयों द्वारा किए जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा की गई।
प्रदेश में रही यह स्थिति
आईसीएआर द्वारा जारी रैंकिंग में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को देश भर में 29वां स्थान मिला है। इस सूची में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय 39वें, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर 42वें तथा कृषि विश्वविद्यालय कोटा 49वें पायदान पर है। वहीं कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर को रैंकिंग नहीं मिली है। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की 21वीं रैंक है। इस प्रकार एसकेआरएयू ने प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान हासिल किया है।
कोरोना काल में रही विशेष योजना
कुलपति ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा शोध, प्रसार एवं शैक्षणिक गतिविधियों की गति बरकरार रखी गई। इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई। आॅनलाइन शिक्षण, किसानों एवं विद्यार्थियों से ई-संवाद, प्रदेश के पहले दीक्षांत समारोह एवं 40 से अधिक वेबिनार का आयोजन, स्तरीय संस्थानों के साथ एमओयू तथा सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग के प्रयास किए गए। इस दौरान विश्वविद्यालय को म्यांमार के विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। इन सभी गतिविधियों की प्रभावी माॅनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई। इसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय को यह उपलब्धि हासिल हो पाई है। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में और अधिक इजाफा हुआ है। अगले वर्ष की रैंकिंग में विश्वविद्यालय पहले दस स्थानों में आए, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई हैं।
देशभर के कुलपतियों की वर्चुअल कांफ्रेंस आयोजित, प्रो. सिंह ने निभाई भागीदारी
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने देश भर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की दो दिवसीय वार्षिक वर्चुअल कांफ्रेंस के पहले दिन शुक्रवार को इसमें भागीदारी निभाई। कुलपति ने बताया कि कांफ्रेंस के दौरान आईसीएआर के महानिदेशक डाॅ. टी. महापात्रा, उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) डाॅ. आर. सी. अग्रवाल, भारतीय कृषि विश्वविद्यालय एसोशिएसन के अध्यक्ष डाॅ. बलदेव सिंह, अतिरिक्त सचिव संजय कुमार सिंह एवं जी. श्रीनिवास ने अपनी बात रखी। कांफ्रेंस में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर विशेष फोकस रहा। वही देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा, प्रसार एवं अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में और अधिक गति लाने के निर्देश दिए गए, जिससे किसानों और कृषि विद्यार्थियों को लाभ हो सके। इस दौरान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. आई. पी. सिंह मौजूद रहे।