चुनौतियों और समस्याओं का डटकर सामना करें विद्यार्थी : डॉ चंद्रशेखर
– सीरी में स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन का घोषणा समारोह आयोजित
पिलानी, 4 दिसंबर। सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, पिलानी तथा विज्ञान भारती-राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 23 तथा 24 दिसंबर 2020 को वर्चुअल रूप में आयोजित किए जा रहे भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2020) के अंतर्गत स्टूडेन्ट्स इंजीनियरिंग मॉडल कॉम्पिटीशन एंड एक्सपो का घोषणा समारोह आयोजित किया गया। आयोजन का एम एस टीम्स के साथ-साथ यूट्यूब लिंक के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया।
एसीएसआईआर के कुलाधिपति तथा सीरी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने घोषणा समारोह में मुख्य अतिथीय संबोधन देते हुए आयोजन के लिए आत्मनिर्भर भारत तथा विश्व कल्याण के लिए विज्ञान विषय को चुनने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान भारती की प्रशंसा की। उन्होंने अपने समय और वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास उपलब्ध सुविधाओं व अवसरों की तुलना करते हुए विद्यार्थियों को मॉडलों के माध्यम से अपने नवाचारों को आकार देने का आह्वान किया। उन्होंने चुनौतियों और कठिनाइयों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करते हुए समाधान प्रस्तुत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यही सफलता का मूलमंत्र है। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों की भी चर्चा की।
बिट्स-पिलानी के कुलपति प्रोफेसर सौविक भट्टाचार्य ने अपने विशिष्ट अतिथीय उद्बोधन में उन्होंने बिट्स-पिलानी में चल रही शैक्षणिक गतिविधियों का संदर्भ देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन नई प्रतिभाओं की तलाश का माध्यम होते हैं। राष्ट्र की चहुँमुखी प्रगति को अपने संबोधन के केंद्र में रखते हुए उन्होंने समय के अनुसार शिक्षण-प्रशिक्षण में परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया। अंत में उन्होंने कार्यक्रम की ऊर्जा के लिए सीरी और विभा की प्रशंसा की।
इस अवसर पर आईआईटी-खड़गपुर के निदेशक डॉ वी के तिवारी ने भारतीय युवा शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि हमारे पास युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हमारे छात्रों को अवसर और उचित मार्गदर्शन प्राप्त हों तो वे कुछ भी कर सकते हैं। डॉ तिवारी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए देश की युवा जनशक्ति को साधना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस महोत्सव के अपने गतवर्ष के अनुभव साझा किए।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय आयोजन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे द्वारा इस अवसर पर आधार व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में अंतरराष्ट्रीय महोत्सव की पृष्ठभूमि और संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत त्योहारों का देश है इसलिए हमें विज्ञान को भी पर्व की ही तरह आयोजित करना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर आईआईएसएफ आयोजन के अंतरराष्ट्रीय पक्ष पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुम्बकम संकल्पना को रेखांकित किया। उन्होंने इस संपूर्ण आयोजन में सीएसआईआर और विज्ञान भारती के प्रयासों की सराहना की। कोविड के कारण उत्पन्न परिस्थितियों का हवाला देते हुए श्री सहस्रबुद्धे ने कहा कि विपरीत और विषम परिस्थितियों के बावजूद आयोजन को मूर्तरूप दिया जाना स्वागत योग्य है। अंत में सुप्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक तथा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह राठौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इससे पूर्व सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने स्वागत उद्बोधन के द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस घोषणा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों व विज्ञान भारती – राजस्थान के पदाधिकारियों एवं ऑनलाइन जुुुुुड़े अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने आयोजन के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि यह आयोजन एक सामान्य वैज्ञानिक संगोष्ठी नहीं अपितु महोत्सव है जिसे हम उत्साहपूर्वक मना रहे हैं।
इस अवसर पर आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विज्ञान भारती के सचिव डॉ मेघेन्द्र शर्मा ने संपूर्ण आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने प्रतियोगिता की आयोजन प्रक्रिया एवं पुरस्कारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागिता हेतु पंजीकरण आरंभ हो चुका है और आशा व्यक्त की कि सभी के समन्वित सहयोग से प्रतियोगिता में भारत सहित अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी सम्मिलित होंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री रमेश बौरा, राजभाषा एवं जनसंपर्क अधिकारी तथा सुश्री नलिनी पारीक, वैज्ञानिक ने अतिथियों का परिचय दिया। कर्टन रेज़र समारोह का शुभारंभ पारंपरिक रूप से सरस्वती वंदना के साथ हुआ। सभी अतिथियों ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर आमंत्रण के लिए निदेशक, सीएसआईआर-सीरी के प्रति आभार व्यक्त किया।