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वाह पीबीएम आधे घंटे में कोरोना रिपोर्ट , पेशेंट को कर दिया डिस्चार्ज

बीकानेर। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ने तो कमाल ही कर दिया है। महज आधे घंटे में ही कोरोना रिपोर्ट सौंप दी। हुआ यूँ कि कैंसर हाॅस्पिटल के पास एमसीएच कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती एक मरीज ने द इंडियन डेली को बताया कि उसे पाॅजीटिव रिपोर्ट होने के बाद 27 अक्टूबर को भर्ती किया गया। इसके बाद 31 अक्टूबर को उसके साथ परिजन का सैम्पल लिया। हैरानी तो तब हुई जब महज आधे घंटे में ही मुझे कोरोना नेगेटिव बताकर डिस्चार्ज कर दिया जबकि परिजन की रिपोर्ट आई ही नहीं। उसने बताया कि जब स्टाफ से आधे घंटे में नेगेटिव रिपोर्ट को क्राॅस क्वेशचन किए तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इतना ही नहीं उसने स्टाफ से नेगेटिव जांच की कम्पलीट डिटेल मय सील मांगी तो स्टाफ इधर-उधर हो गया। उसने यह भी कहा क्या पता अभी भी पाॅजीटिव हूं और ऐसी अविश्वसनीय रिपोर्ट लेकर परिवार में जाऊं और मेरे संपर्क आकर कोई पाॅजीटिव हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। ऐसा कई मरीजों के साथ किया जा रहा है। यहां सवाल उठता है कि क्या अस्पताल प्रबंधन रिकवरी रेट के प्रदर्शन को सुधारने के लिए इस तरह से रिपोर्ट मरीजों को दे रहा है या अस्पताल में बढ़ते मरीजों के दबाव को कम करने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि कोविड हाॅस्पिटल से बराबर अव्यवस्थाओं लेकर शिकायतें मिल रही हैं।

काकौसा रो कैवणो है पैला अस्पताल प्रशासन ने जागरूक करनो है

हालांकि जिला प्रशासन आमजन को अवेयर करने को लेकर घर घर स्टीकर चिपका रहा है, लेकिन आमजन के साथ कोविड अस्पताल प्रशासन को भी जागरूक करने की जरूरत है। सफाई व्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। न टाॅयलेट साफ मिलते हैं और न ही वार्ड। मरीजों का कहना है कि जब हाॅस्पिटल में कोरोना पाॅजीटिव की संख्या बढ़ेगी तो उसी अनुपात में गंदगी भी बढ़ेगी लेकिन इसके अनुसार सफाई कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

परकोटे में होम आइसोलेशन घरों पर नहीं लग रहे हैं पर्चे

बीकानेर में परकोटे में बड़ी संख्या में कोरोना पाॅजीटिव मरीज आ रहें हैं लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमे की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। शहर में नथानियों की सराय इलाके में पाॅजीटिव मरीज आ रहें हैं। इनमें से अधिकांश होम आइसोलेट हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इनके घरों के बाहर किसी भी प्रकार की सूचना चस्पा नहीं की गई है जिससे यह जान पड़े कि फलां फलां घर में कोरोना पाॅजीटिव मरीज हैं। सराय की गली नम्बर दो में कोरोना पाॅजीटिव आए ललित रंगा ने बताया कि उनके यहां न तो कोई पर्चा चस्पा करने आए और न ही कोई प्रोपर मानीटरिंग हो रही है। सिर्फ एक ही दिन 6 नम्बर डिस्पेन्सरी से आशा सहयोगिनी दवा देकर गई थी। उसने बाद कोई नहीं आया। यहां तक कि रिपिट पाॅजीटिव आने के बाद भी कोई नहीं आया। जांच भी अपने स्तर करवा रहे हैं। सबको अपने हाल पर छोड़ दिया है। रंगा ने बताया कि हालात यह है कि मानीटरिंग के अभाव में कुछ मरीज होम आइसोलेशन की पालना नहीं कर रहें और खुले आम बाजारों में घूम रहे हैं। हो सकता है ऐसे मरीज लोगों को कोरोना बांट रहे हैं । इसलिए आमजन को बेहद सावधान और सतर्क रहना होगा। कुछ लोगों का कहना है कि लाॅकडाउन पीरियड में जब मरीज कम थे तब तो कुछ मोहल्लों में प्रशासन की टीमें जा जाकर जांचें कर रही थी जबकि अब बड़ी संख्या में मरीज आने पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है उन्हें केवल उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। प्रशासन को इस ओर गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरूरत है।

क्यों लापरवाह हो रहे हैं कोरोना मरीज ?

मुरलीधर व्यास काॅलोनी में एक कोरोना पाॅजीटिव ने बताया कि कुछ होम आइसोलेशन परिवार यूज एंड थ्रो यानि डिस्पोजल आइटम का इस्तेमाल करने के बाद सड़कों पर फेंक रहे हैं । इससे न केवल अन्य लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। खासकर सफाई कर्मी चपेट में आ सकते हैं। काॅलोनीवासियों ने ऐसे परिवारों को घर के बर्तन इस्तेमाल करने के लिए पाबंद करने के लिए प्रशासन से आग्रह किया है। अलग-अलग जगहों से आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को दमदार माॅनीटरिंग करने एवं संक्रमण फैलने के कारणों को रोकने की पुख्ता इंतजाम करने होंगे वरना शहर के हालात इस खतरनाक वायरस से नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे।

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