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मरूस्थलीय क्षेत्र के लिए जीवनदायनी है खेजड़ी – चौधरी

बीकानेर, 22 अक्टूबर। भाकृअनुप.-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर में गुरूवार को राजस्व, उपनिवेशन, कृषि सिंचित विकास एवं जल उपयोगिता मंत्री हरीश चौधरी ने दौरा किया । कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए निदेशक ने मंत्री चौधरी को संस्थान का भ्रमण करवाया।
इस अवसर पर वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए चैधरी ने कहा कि इस संस्थान के द्वारा विकसित खेजड़ी की प्रजाति थार शोभा को विकसित करने के लिए यह संस्थान और इसकी टीम प्रशंसा के पात्र है। खेजड़ी ही वह वृक्ष है जिसके सहारे हमारे पूर्वजों ने इस थार रेगिस्थान के विपरीत मौसम में रहने का निर्णय किया था। खेजड़ी इस क्षेत्र के लिए जीवन दायनी है। किसानों को इसका बगीचा लगाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। अनार की खेती की चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि अनार के उत्पािदन को बेचने हेतु बाजार की व्यवस्थाओं पर  भी शोध होना चाहिए ताकि किसानों को उनके उत्पाकदन का पूरा लाभ मिल सके।  इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो (डॉ.) पी.एल. सरोज ने इस संस्थान के विकास के सोपानों को रखते हुए उन फल फसलों की जानकारी दी जिन पर यह संस्थान अनुसंधान कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस संस्थान ने खेजड़ी के साथ ही काचरी, लसोड़ा, खिरनी, चिरौंजी सहित अन्य शुष्क बागवानी फलों और सब्जियों की पहली किस्में विकसित की हैं।  

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