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सरकार वेतन कटौती का निर्णय वापस लें अन्यथा 8 को विधायकों का करेंगे घेराव, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंध का विरोध प्रदर्शन

– कर्मचारियों की प्रतिमाह वेतन कटौती के खिलाफ महासंघ ने दिया ज्ञापन

बीकानेर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी सयुंक्त महासंघ के प्रान्तीय आहान पर कर्मचारियों की वेतन कटौतियां करने के साथ-साथ अनेक परिलाभ व सुविधाएं छीन लेने से आक्रोशित कर्मचारियों ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पर कर्मचारी मैदान में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री मुख्य सचिव व अतिरिक्त मुख्य सचिव वित विभाग को ज्ञापन भिजवाया।
महासंघ के जिला मंत्री पृथ्वीराज लेघा ने बताया कि आर्थिक मंदी से त्रस्त कर्मचारियों के घावों पर नमक छिडकने का काम करते हुए इसी माह के विधायकों के वेतन में प्रतिमाह बीस हजार रूपये की बढोतरी की गई है। लेघा ने कहा कि कोविड-19 के नाम पर कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन से प्रतिमाह एक से दो दिवस की वेतन कटौती कर, समर्पित अवकाश का नगद भुगतान रोक कर, जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक मंहगाई भता को स्थगित कर, मार्च 2020 का 16 दिवस का वेतन रोककर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है जिससे कर्मचारियों मेें भारी आक्रोश है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार को वेतन कटौती के अपने असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक निर्णय को वापिस लेना चाहिए। आंदोलन के आगामी चरण में 8 नवम्बर को राजस्थान विधानसभा के समस्त विधायकों को घेराव किया जाएगा। आज का प्रदर्शन में पृथ्वीराज लेघा के नेतृत्व में जयकिशन पारीक, संजय पुरोहित, रामलाल सुथार, आनन्द पारीक, अंजुमन आरा, मो. इलियास जोईया, धीरज पारीक, मकबूल अहमद, महेन्द्र भवरियां हेमेन्द्र बाना, देवीलाल बिश्नोई, राकेश बोहरा, श्रवण पुरोहित, राजेश चौधरी, चांदरतन सोलंकी, देवेन्द्र जाखड, भंवर सांगना, रामनिवास रोकणा, ताराचन्द जयपाल, आयुब खाँ, विक्रम प्रजापत,, राजेन्द्र आचार्य, पवन कुमार, गणेश चौधरी, गौतम जाजड़ा, पवन सैन कर्मचारी नेता शामिल हुए।

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