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कर्मचारियों के वेतन काटने वाली सरकार ने विधायकों के भत्तों में की भारी बढ़ोतरी, कर्मचारियों में जबरदस्त गुस्सा

– अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालय कर्मचारी संघ ने विधायकों के वेतन किराया भत्ता बढ़ाने की निंदा

बीकानेर। राजस्थान सरकार कोरोना महामारी के नाम पर एक ओर अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही हैं वहीं दूसरी ओर अपने विधानसभा सदस्यों के आवास भत्ते में हर माह 20 हजार की बढ़ोतरी कर दी। इन सदस्यों को एक अक्टूबर से अब हर माह 30 हजार की जगह 50 हजार रूपए भत्ता मिलेगा। सरकार के इस दोगलेपन से कर्मचारी संगठनोंमें भारी रोष व्याप्त हो गया है।
अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने प्रदेश में मंत्रालयिक कर्मचारियों बहुप्रतीक्षित मांग ग्रेड पे 3600 को दरकिनार करते हुए राजस्थान के विधायकों के किराया भत्ता में बढ़ोतरी को निंदनीय बताया।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय कर्मचारी सरकारी तंत्र में रीड की हड्डी होते हैं। सरकार को विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी के साथ मंत्रालयिक कर्मचारियों के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए। सरकार मंत्रालय कर्मचारियों की मांगों को दरकिनार कर अपने हितों का ध्यान रख रही है। कोरोना काल की स्थिति में भी राज्य सरकार विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह दोगली नीति है। विधानी ने सवाल खड़ा किया है कि विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने से सरकार पर वित्तीय भार नहीं आता क्या? हाल ही में सांसद को दिए गए एक पत्र में सरकार ने मंत्रालयिक कर्मचारियों के ग्रेड पे को 3600 को युक्ति संगत नहीं बताया , सरकार का यह कथन बहुत ही दूर्भाग्यपूर्ण है। इससे मंत्रालय कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त हो रहा है।
सरकार मंत्रालयिक कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विधानी ने बताया कि यदि सरकार कर्मचारियों के ग्रेड पे 3600 के मामले में संज्ञान नहीं लेती है तो मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा कभी भी प्रदेश स्तर पर बड़े आंदोलन की घोषणा की जा सकती है।

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