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ऊर्जा मंत्री ने पीबीएम की सुपर स्पेशलिटी विंग में व्यवस्थाएं सही करने के दिए निर्देश

जिला कलक्टर और पीबीएम अधीक्षक से दूरभाष पर व्यवस्था संबंधी ली जानकारी

बीकानेर, 30 सितम्बर। ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला ने कहा कि पीबीएम अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी सेंटर में भर्ती रोगियों के लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं रहनी चाहिए।  यहां एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर 24 घंटे उपलब्ध रहने चाहिए। साथ ही रात के समय में वरिष्ठ चिकित्सक रोगियों के उपचार के लिए उपलब्ध रहे यह भी सुनिश्चित किया जाए।
  डॉ कल्ला बुधवार को जिला कलक्टर नमित मेहता से दूरभाष पर बातचीत कर कहा कि सुपर स्पेशलिटी  सेंटर में भर्ती रोगियों की देखभाल में और गुणात्मक सुधार लाया जाए।  यहां चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ सहित राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहने चाहिए ताकि आमजन की किसी भी समस्या का समाधान तत्काल हो सके।  उन्होंने जिला कलक्टर से कहा कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर में साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाए तथा यहां आने वाले वरिष्ठ जन को शौचालय की सुविधा बेहतर मिले। जरूरत के मुताबिक सेंटर में वेस्टर्न और इंडियन शौचालय की सुविधा हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।
  डाॅ.कल्ला ने जिला कलक्टर और कार्यवाहक अधीक्षक पीबीएम डॉ गुंजन सोनी से कहा कि दोनों ही अधिकारी अस्पताल का समय-समय पर निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी सुपर स्पेशलिटी सेंटर में लगाई गई है वह वाॅर रूम में रहें और जब भी गंभीर रोगी को इंजेक्शन अथवा ड्रिप आदि लगाई जाती है तो वह वरिष्ठ चिकित्सक की देखरेख में ही लगे।
अस्पताल में आने वाले रोगियों के साथ रखें उत्तम व्यवहार
  ऊर्जा मंत्री ने जिला कलक्टर और अधीक्षक से कहा कि पीबीएम अस्पताल में रोगी और उसके परिजन जब भी आए उनके साथ चिकित्सकों सहित पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ का व्यवहार भी बेहतर और उत्तम होना चाहिए । किसी भी व्यक्ति के साथ स्टाफ द्वारा अभद्रता पूर्ण व्यवहार नहीं किया जाए। अगर अभद्रता पूर्ण व्यवहार करने की शिकायत आती है, तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में कोई भी कार्मिक शराब का सेवन करके ड्यूटी करने नहीं आए। अगर ऐसा कोई व्यक्ति ड्यूटी पर मिलता है तो तत्काल उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।  उन्होंने कहा कि बीकानेर की जनता के साथ अस्पताल प्रशासन समन्वय रखते हुए बेहतर इलाज करें। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अस्पताल में संसाधन आदि उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार स्तर पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। 

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