समायोजित शिक्षाकर्मियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के लिए सीएम से लगाई गुहार
चूरू। राजस्थान सरकार एक ओर तो लोक कल्याणकारी सरकार होने का दंभ भरती है। वहीं दूसरी ओर अदालत द्वारा समायोजित शिक्षाकर्मियों के पक्ष में दिए गए पेंशन व्यवस्था के फैसले के खिलाफ अदालत में पुनः विचार याचिका दायर कर अपनी नियत का खुलासा कर दिया। यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या सरकार का यह कदम लोक कल्याणकारी कहा जा सकता है? सासंद व विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने को लेकर पक्ष विपक्ष दल के नेता एकमत हो कर बिना विरोध और बिना समय गंवाए पल भर में प्रस्ताव पास कर देते हैं और जब बात लोक कल्याण की आती है तो इन सरकारों को सांप सूंघ जाता है। होना तो यह चाहिए कि सरकारी सेवा में रहते हुए अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय होम कर देने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पेंशन व्यवस्था को तत्काल बहाल करना चाहिए बजाय रोड़े अटकाने के। सरकार लोक कल्याण की भावना पर खरा उतरे इसके लिए इन कार्मिकों ने सरकार को एक ओर मौका दिया है। इन कार्मिकों ने सीएम से पेंशन व्यवस्था बहाल करने के लिए गुहार लगाई है।
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ राजस्थान की प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर आज 15 सितंबर 2020 को प्रदेश संयोजक अजय पंवार के नेतृत्व में ज़िला कलक्टर चूरू को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
अजय पंवार ने बताया कि पूर्व की अनुदानित संस्थांओ से 2011 में राजकीय संस्थाओ में समायोजित शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने तथा अन्य मुद्दों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ मे 2012 में परिवाद दायर किया। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ ने 1 फरवरी 2018 को समायोजित शिक्षाकर्मियों के पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि समायोजित शिक्षाकर्मी पुरानी पेंशन व्यवस्था के हकदार हैं। राजस्थान सरकार ने उक्त फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में SLP दायर की जिसे उच्चतम न्यायालय ने 13 सितंबर 2018 को खारिज कर कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर का दिया हुआ फैसला सही है।
आज दो वर्ष व्यतीत होने के बाद भी हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करना निराशाजनक है। अनेको साथी आज तक सेवानिवृत्त हो चुके है जिनके पास जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है।
राजस्थान सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट जोधपुर खंडपीठ मे पुनः विचार याचिका दायर की है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ राजस्थान राजस्थान सरकार से निवेदन करता है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू कर समायोजित शिक्षाकर्मीयो को संबल प्रदान करे
शिष्ट मंडल में चूरू जिला अध्यक्ष राजवीर सिंह राठौड़, कोषाध्यक्ष रविन्द्र सिंह शेखावत, संगठन मंत्री कमल कुमार शर्मा, महेश सैनी , ऋषिराज सिंह, संतोष कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।