बॉलीवुड में बीकानेर की चर्चा, एकता कपूर के सीरियल में अनुराग व्यास निभा रहे हैं मुख्य भूमिका
बीकानेर। बॉलीवुड मे बीकानेर का नाम एक बार फिर से चर्चा मे हैं ओर कारण है बीकानेर मे जन्मे अभिनेता अनुराग व्यास जो इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार रहे जितेंद्र की इकलौती बेटी एकता कपूर की फिल्म निर्माण कंपनी बालाजी फिल्मस के बैनर तले बन रहे सीरियल “नागिन – 5” में एक मुख्य भूमिका निभा रहे हैं | सीरियल का प्रसारण कलर्स चैनल पर हर शनिवार-रविवार को शाम 8 बजे हो रहा है | ग़ौरतलब है की “नागिन-5” सीरियल इस समय टीवी पर आने वाले सबसे चर्चित सीरियल मे से एक हैं जिसकी टीआरपी देश मे तीसरे नंबर पर है |
अनुराग व्यास से उनकी इस सफलता के बारे मे पूछने पर कहते हैं की सफलता एक व्यक्तिगत अनुभव है जो एक दिन मे प्राप्त नहीं हो सकता | सफलता प्राप्त करने के लिए जिस भी क्षेत्र मे आप काम करना चाहते हैं उसमे स्वयँ को शिक्षित एवं प्रशिक्षित करना ओर उसके अलग-अलग पहलुओं को जानना बहुत महत्वपूर्ण है | अगर आपको अपना लक्ष्य अपने मन मे स्पष्ट रूप से दिखाई देता है तो उसे प्राप्त करने के लिए आपका मन स्वयँ ही रास्ता खोज लेता है | हाँ लेकिन सफलता मिलती उसे ही है जो कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहता है |
अभिनय के बारे मे वो बताते हैं की जीवन मे भगवान ने सबको कोई ना कोई प्रतिभा देकर भेजा है ओर अपनी प्रतिभा को समय पर पहचान लेना बहुत जरूरी है नहीं तो हम जीवन मे बहुत सारा समय खराब कर देते हैं | पढ़ाई के दौरान मेरा सब्जेक्ट विज्ञान था लेकिन बहुत ही जल्दी मुझे समझ आ गया था की मेरी मंज़िल कुछ ओर है | इसी दौरान मुझे हिमांशु व्यास मिले जो अपने कलेंडर शूट के लिए किसी मॉडल की तलाश मे थे ओर मुझसे मिलने के बाद उन्होने मुझे कास्ट कर लिया था | कलेंडर का रेपोंस बहुत ही अच्छा रहा | उसके बाद हिमांशु व्यास एक फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे थे जिसका नाम था “आशियाँ” जो एक प्रयोगिक फिल्म थी जिसमे कहानी को गाने के माध्यम से दिखाया गया था | उसके कई ऑडीशन लेने के बाद उसमे भी मैं ही कास्ट किया गया | वहाँ से मेरी यात्रा शुरू हुई | क्योंकि मैं अभिनय ओर उससे जुड़ी बारीकियों को सीखना चाहता था इसलिए मैंने गोल्डेन सैंड प्रॉडक्शनस मे 4 साल तक असिस्टेंट डाइरेक्टर, प्रॉडक्शन कंट्रोलर का काम भी किया | गोल्डेन सैंड प्रॉडक्शनस के म्यूजिक इवैंट “आशियाँ 2016” मे स्टेज होस्टिंग की, जो बीकानेर के इतिहास का सबसे बड़ा “म्यूजिक इवैंट” माना गया |
अभिनय की बारीकियों को और ज्यादा बेहतर समझने के लिए मैंने थिएटर ग्रुप “ऊर्जा” जॉइन किया ओर निर्देशक अशोक जोशी के निर्देशन मे “जब शहर हमारा सोता है” ओर “जिन लाहौर नहीं वेख्या वो जन्मा ही नहीं” जैसे नाटकों मे मुख्य भूमिका अदा की, जो देश के कई भागों के मंचित किए गए | निर्देशक सुधेश व्यास के निर्देशन मे उनके प्रसिद्ध नाटक “चारकोट” मे काम किया | निर्देशक राम सहाय हर्ष के निर्देशन मे “अम्मा”, स्वर्गीय आनंद वी. आचार्य के निर्देशन मे नाटक “काया मे काया” किया |
रंगमंच की दुनिया मे देश के कई भागों मे अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाने के बाद अनुराग व्यास ने मुंबई की तरफ अपना रुख किया ओर जीवन के पहले बॉलीवुड ऑडीशन मे ही मुख्य भूमिका के लिए चुन लिए गए लेकिन किसी कारणवश उन्हे अपने रोल से हटना पड़ा | एक बार उन्हे निराशा जरूर हुई लेकिन उन्होने अपना हौंसला नहीं खोया | अनुराग व्यास लगभग 70 से भी ज्यादा ऑडीशन देने के बाद उन्हे पहला मौका ज़ी टीवी के सीरियल “आपके आ जाने से” मे मिला ओर उसके बाद उन्होने कभी मुड़ कर नहीं देखा | “आप के आज जाने से” के बाद अनुराग सब टीवी के सीरियल “भाखरवाड़ी”, ओर ज़ी टीवी के ही एक ओर सीरियल “दिल ये जिद्दी है” मे दिखाई दिये |
अनुराग व्यास अब तक 150 से भी ज्यादा ऑडीशन दे चुके हैं | उनका कहना है इंडस्ट्री मे काम पाने के लिए जुनून चाहिए | इंडस्ट्री आपको बार-बार परखती है लेकिन अगर आप अपने इरादों के पक्के हो तो एक दिन इंडस्ट्री अपनी बाहें आपके लिए फैला ही देती है | सीरियल के साथ ही अनुराग व्यास कुछ वेब सिरीज़ प्रोजेक्ट से भी जुड़े हैं लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी शूटिंग रुकी हुई है | अब तक 4 एड. फिल्म्स मे काम कर चुके अनुराग व्यास ने देश की सबसे बड़ी laundry कंपनी “U Clean” के साथ ही “hello app”, “Upgrade app” ओर “My first vote campaign” के लिए काम कर चुके हैं |
भविष्य की प्लानिंग के बारे मे पूछने पर अनुराग बताते हैं की “मैं लाइफ मे ज्यादा बड़ी प्लानिंग करने मे नहीं बल्कि जो सामने है उसे पूरी तरह से समर्पित होकर काम करने मे विश्वास रखता हूँ | मेरा मानना है की अगर वर्तमान मे हम तन-मन-धन से सही काम करेंगे तो भविष्य भी बेहतर ही होगा |”
अपने जैसे युवाओं के बारे मे अनुराग कहते हैं की युवाओं को अपनी प्रतिभा को पहचान कर पहले अपनी क्षमताओं को विकसित करना चाहिए | अगर आप मे प्रतिभा है ओर क्षमता नहीं तो इसका कोई मूल्य नहीं है | प्रतिभा क्षमता के द्वारा ही विकसित की जा सकती है | साथ की अपने लक्षय की स्पष्ट तस्वीर होना बहुत जरूरी है | दोगुनी मेहनत कीजिये ओर अपनी प्रतिभा को साबित कीजिये | जीवन मे कोई भी क्षण आए उसे पूरी जाग्रति के साथ अनुभव कीजिये जिससे आपके फैसले बेहतर होने लगेंगे | जीवन मे आपके पास एक मार्गदर्शक भी होना चाहिए जो आपको हर परिस्थिति मे सही चीज का चुनाव करना सीखा सके | जीवन मे बेहतर लोग चुनिये, अच्छे दोस्त बनाइये | अपने आसपास अच्छी संगति बनाइये |
अनुराग व्यास हिमांशु व्यास को अपना सबसे बड़ा मार्गदर्शक मानते हैं ओर आज भी किसी फैसले को लेने से पहले एक बार उनसे सलाह जरूर लेते हैं | अनुराग बताते हैं की हम दोनों की बॉंडिंग इतनी ज्यादा कमाल है की कभी-कभी हमें लगता है की हम एक-दूसरे के ड्यूप्लिकेट हैं | पिछले 6-7 सालों मे हमने काफी प्रोजेक्ट्स साथ मे किए हैं | बेहतर चीजों को कैसे चुना जाए ये मैंने हिमांशु व्यास से ही सीखा है | मुंबई मे उनके सबसे बड़े मार्गदर्शक प्रसिद्ध टीवी कलाकार दीपक पारीक हैं | अनुराग बताते हैं की दीपक भाईसाब का मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत कीमती है | इस समय मैं जो कुछ भी हूँ उसमे बहुत बड़ा हाथ दीपक भाईसाब का ही है जिसे बिलकुल भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता | अनुराग के खास दोस्तों मे ना सिर्फ हिमांशु व्यास, दीपक पारीक बल्कि बॉलीवुड के प्रसिद्ध डब्बींग आर्टिस्ट लोहित शर्मा भी आते हैं जो इन दिनों netflix, amazon prime, discovery आदि पर आने वाले शो के लिए आवाज दे रहे हैं | अनुराग बताते हैं की गोल्डेन सैंड प्रॉडक्शनस मे मैंने ओर लोहित ने लगभग 6 साल तक साथ काम किया है | दीपक आचार्य उनके बचपन के दोस्त हैं जो स्कूल मे साथ पढ़ा करते थे |
अनुराग रिश्तों के मूल्यों को जीवन मे सबसे उपर रखते हैं |
बीकानेर के एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार मे जन्मे अनुराग व्यास का बचपन काफी संघर्षों मे बीता | जब वो मात्र 8 वर्ष के थे तब एक भीषण सड़क दुर्घटना मे उन्होने अपने पिता, दादा ओर अपनी भुआ को खो दिया था जिसे अनुराग कभी भुला नहीं पाये |
वो बताते हैं की उनके जीवन का सबसे बड़ा आधार उनकी माँ भुवनेश्वरी व्यास है जिसने माँ होने के साथ एक बाप की भूमिका भी अदा की है | जीवन मे लाखों मुश्किलों के बावजूद कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी| अनुराग अपने जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य अपनी माँ ओर अपने भाई ललित व्यास को मानते हैं | उनका कहना है की ललित उनका छोटा भाई है लेकिन उसने हमेशा एक बड़े भाई की तरह सहयोग किया है |
बीकानेर के बारे मे बात करने पर वो बताते हैं की बीकानेर के कलाकारों मे काफी प्रतिभा है ओर अगर उन्हे बेहतर मार्गदर्शन मिले तो वो देशभर मे अपनी कला की छाप छोड़ सकते हैं |