ज्ञान गंगा राज्य स्तरीय प्रथम प्रशिक्षण की शुरूआत डूंगर महाविद्यालय से
बीकानेर। पांच दिवसीय राज्य स्तरीय प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरूआत आज राजकीय डूंगर महाविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग में हुई काॅलेज शिक्षा निदेशक संदेश नायक, अतिरिक्त निदेशक बी.एल. गोयल, राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा, नोडल अधिकारी इनोवेशन सेल डाॅ. विनोद भारद्वाज एवं गेस्ट आफ आॅनर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर.के. शर्मा द्वारा राज्य स्तरीय प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला ज्ञान गंगा की शुरूआत रसायनशास्त्र विभाग में की गई। डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में काॅलेज की विभिन्न उपलब्धियों की चर्चा करते हुए ई-कन्टेन्ट के आयामों पर चर्चा की। उन्होंने काॅलेज फैकल्टी द्वारा निरंतर किये जा रहें प्रयासों को बताया। अतिरिक्त निदेशक बी.एल. गोयल काॅलेज शिक्षा ने ज्ञान गंगा कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि एफ.डी.पी. प्रोग्राम पर विषय ज्ञान संवर्धन के लिए रसायनशास्त्र विभाग मंेे इसे शुरू किया जा रहा है। आगे आने वाले समय में इस कार्यक्रम को अन्य विषयों पर भी लागू किया जायेगा। कार्यक्रम में गेस्ट आफ आॅनर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर.के. शर्मा ने राजस्थान सरकार काॅलेज शिक्षा विभाग के इस कदम को अद्भुत बताते हुए कहा कि कोरोना काल में इसकी महता कई गुना बढ़ जाती है ई-कन्टेन्ट निर्माण के लिए यह कार्यशाला उपयोगी साबित होगी। ईनोवेशन सेल के प्रभारी डाॅ. विनोद भारद्वाज ने आॅन लाईन एफ.डी.पी. कार्यक्रमों के सतत् रूप से जारी रखने एवं इनका विद्यार्थी हित में उपयोग किए जाने पर बल दिया। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पुरूस्कृत विज्ञान फिल्म सेवियर आॅफ वाटर का प्रदर्षन किया गया। कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक बी.एल. गोयल ने विद्यार्थियों के साथ भी संवाद किया।
कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने पांच दिवसीय प्रोग्राम के बारे में बताया। कार्यक्रम के प्रशिक्षण तीन प्रकार से दिया जायेगा। आॅनलाईन व्याख्यान, प्रायोगिक कार्य एवं समूह चर्चा। प्रतिदिन 3 व्याख्यान होगें, एक प्रयोगशाला की विजिट होगी एवं प्रतियोगी आठ समूहों मे ग्रुप टास्क पर कार्य करेंगे। कार्यक्रम कन्वीनर डाॅ. एच.एस. भंडारी एवं सेक्रेटरी डाॅ. एस.के. वर्मा तकनीकी पक्षों को बखूबी से संभाला। धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. सुषमा जैन द्वारा दिया गया। कन्वीनर डाॅ. एच.एस. भंडारी ने बताया कि पूरी प्रदेश से 52 प्रतिभागी इस कार्यक्रम पर पांच दिनों तक लगातार रसायन विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगें एवं 15 से अधिक विषय विशेषज्ञों से लाभान्वित होगें।
ज्ञान गंगा के प्रथम तकनीकी सत्र में प्रोफेसर आर.के. शर्मा ने ग्रीन कैमिस्ट्री के काॅलेज शिखा मे उपयोग विषय पर कीनोट व्याख्यान दिया। इंजीनियरिंग काॅलेज बीकानेर के डाॅ. प्रवीण पुरोहित ने बाॅयोडीजल की महता पर व्याख्या प्रस्तुत किया। तीसरे प्रायोगिक सत्र में सोफेस्टिकेटेड लैब के डाॅ. एच.एस. भंडारी ने महत्वपूर्ण उपकरण एफ.टी.आई.आर पर विडियों के माध्यम से प्रयोग करना सिखाया। ज्ञातव्य रहें कि इन्फ्रा रेड पर आधारित यह उपकरण बीकानेर में केवल डूंगर काॅलेज में है एवं इसका फारेन्सिक सामान सहित अनेक क्षेत्रों में उपयोग होता है।
ई पत्रिका केमलोर के पांचवें अंक का हुआ विमोचन
राज्य स्तरीय प्रथम शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में रसायन विज्ञान की ई-पत्रिका केमलोर का विमोचन श्री बी.एल. गोयल, प्रोफेसर आर.के. शर्मा, डाॅ. विनोद भारद्वाज, डाॅ. शिशिर शर्मा एंव डाॅ. सुषमा जैन द्वारा किया गया। केमलोर के संपादक एम एस सी के छात्र सिमरनलीन सिंह, रूखसार बानो एवं नीलम भाटी है। संपादक सिमरनलीन के अनुसार 110 पृष्ठीय पत्रिका 14 भागों मे विभाजित किया है। इसमें 50 रचनाओं को शामिल किया गया है। सभी रचनाकार विद्यार्थी है इनमें पूर्व संपादक मेघा थानवी, मानसी जोशी शामिल है। केमलोक की डिलाईनिंग व साज सज्जा का कार्य संध्या गोदारा, कल्पित देपावत, ललित लोहिया, फरहीन रहमान एवं रेखा मीणा ने किया।