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यूसीईटी में सिगनल प्रोसेसिंग कार्यशाला में छात्रों ने जाना डिजिटल दुनिया के पीछे का विज्ञान

बीकानेर। यूसीईटी में पांच दिवसीय कन्वीनर अनीता पंवार ने बताया कि सिग्नल प्रोसेसिंग हमारे डिजिटल जीवन के पीछे का विज्ञान है, जो सूचनाओं को संप्रेषित करने और साझा करने की हमारी क्षमता को बढ़ाता है। कार्यशाला के दूसरे दिन प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता डॉ एसजे नंदा, एमएनआईटी जयपुर ने बताया कि कैसे हम संकेत प्रसंस्करण (सिगनल प्रोसेसिंग) की कलन विधि का उपयोग जैव चिकित्सा, हृदय प्रत्यारोपण इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राफी आदि में कर सकते है।
द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता डॉक्टर पांडा आईआईटी मद्रास ऑप्टिमाइजेशन तकनीकों में हाल के रुझान पे वख्यान दिया उनका स्वागत साकेत जांगिड़ ने किया ।

कन्वीनर नीलम स्वामी ने बताया कि तृतीय दिन के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता डॉ अमित एम जोशी एमएनआईटी जयपुर का स्वागत संदीप भाखर ने किया। मुख्य वक्ता ने आज के परिपेक्ष में डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग वीडियो, भाषण, वायर्ड और वायरलेस संचार और मल्टीमीडिया जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए एक सक्षम तकनीक है। द्वितीय सत्र में डॉक्टर वसुंधरा एमएनआईटी वारंगल ने बताया श्रवण संबंधित उपकरण के लिए सिगनल प्रोसेसिंग कैसे आवाज़ का पता लगाने और बाहरी ध्वनियों से अलग से इसे संसाधित करने में सक्षम है सकता है। अंत में दिनेश कुमार सेन विभागाध्यक्ष ई सी ई, कन्वीनर अनीता एवं नीलम स्वामी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ .अनु शर्मा, डॉ. गायत्री शर्मा एवं विश्वास आचार्य कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रयत्नशील है।

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