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मगन बिस्सा को आज मिलेगा एडवेंचर का सर्वोच्च तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय अवार्ड 2019

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बीकानेर। भारत सरकार के युवा मामले व खेल मंत्रालय द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोही व साहसी खेलों में अग्रणी को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया जाता है । वर्ष 2019 का लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड के लिये अन्तर्राष्ट्रीय पर्वतारोही बीकानेर के मगन बिस्सा का चयन किया गया है। पूर्व में पर्वतारोहण के लिये अर्जुन अवार्ड ही दिये जाते रहे लेकिन कुछ वर्ष पहले से एडवेंचर में लेंड, वाटर व एयर के लिये उल्लेखनीय प्रदर्शन करने पर तथा एक लाइफ टाइम एडवेंचर अवार्ड प्रदान किया जाने लगा जो अर्जुन अवार्ड के समकक्ष है । नेशनल एडवेंचर फाउन्डेशन के सचिव आर के शर्मा ने बताया कि 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में होने वाले भव्य समारोह में चयनित पर्वतारोही को राष्ट्रपति द्वारा अवार्ड में कांस्य प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ती पत्र, ब्लेजर व टाई और पांच लाख रूपये की राशि प्रदान की जाती है । उल्लेखनीय है कि रेगिस्तान में पर्वतारोहण को प्रोत्साहन करने का श्रेय मगन बिस्सा को जाता है जिन्होने 1978 से एक कार्यक्रम के माध्यम से साहसी गतिविधियों को प्रारंभ किया जिसका परिणाम यह रहा कि अब पूरे देश में बीकानेर साहसी गतिविधियों ंमें अग्रणी है । राॅक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग, पर्वतारोहण अभियान, पैरासेलिंग, हाॅट एयर बैलूनिंग, स्पोर्ट क्लाइम्बिंग, राफ्टिंग, माइक्रोलाइट, बंगी जम्पिंग, पैरा प्लेन, दिव्यांगों के लिये कार्यक्रम, एनसीसी, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, राष्ट्रीय सेवा संगठन, केन्द्रीय विद्यालय सहित युवा मामले व खेल विभाग द्वारा प्रायोजित साहसी कार्यक्रमों का आयोजन मगन बिस्सा के निदेशन में किये जाते रहे है । नमामि गंगे के उद्देश्य को मिशन गंगा के साथ जोड़कर पर्यावरण व गंगा की सफाई के लिये भी महत्ती योगदान रहा है । श्री मगन बिस्सा ने स्वयं पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त कर हजारों युवाओं को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी व हिमालयन माउन्टेनियरिंग इंस्टीट्यूट, दार्जिलिंग में प्रशिक्षक बन का प्रशिक्षण दिया । अनेक देशी व विदेशी पर्वतारोहण अभियानों में अनेक शिखर आरोहण कर कीर्तिमान बनाएं है जिसमें 1984 एवरेस्ट अभियान के दौरान तीन बार साउथ काॅल तक पहुंचने वाले पर्वतारोही बने । इसी अभियान में उन्होने लद्दाखी पर्वतारोही को हिलेरी स्टे पके पास अपना आक्सीजन सिलंेडर प्रदान कर खुद बिना आक्सीजन के रहते हुए उसके जीवन की रक्षा की व चांस का सेक्रिफाइज किया जिसका उल्लेख दलनेता भी किया है । 1985 में सैन्य एवरेस्ट अभियान में शामिल होकर साउथ वेस्ट का दुरूह मार्ग खोलने तथा लगभग 27000 फिट की ऊंचाई तक जाने वाले पर्वतारोही बने इनके नाम पर बर्फ के एक पहाड़ का नाम बिस्सा कोल भी रखा गया जो किसी पर्वतारोही के नाम पर एक मात्र है । 1987 में इंडो-ब्रिटिश माउंट सासेर कांगड़ी में 19000 फिट की ऊंचाई से 6000 फिट तक की एक साथ क्लाइम्बिंग करके शिखर आरोहण विशेष कीर्तिमान बनाया । 1991 में मा. नंदादेवी एक्सपीडिशन में रूसी पर्वतारोहियों ने शिखर आरोहण कर लिया लेकिन एक भी भारतीय द्वारा शिखर आरोहण नहीं करने के बाद तीन दिन की अनुमति प्राप्त कर शिखर आरोहण कर देश का नाम रोशन किया । ऐसे ही अनेक कीर्तिमान इनके नाम है । 1984 में देश की पहली पर्वतारोही सुश्री बचेन्द्रीपाल को शिखर आरोहण करने में इनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता ।ं सुश्री बचेन्द्रीपाल ने अपनी एवरेस्ट यात्रा में इनके योगदान का जिक्र किया है जो कि पाठ्यक्रम का हिस्सा है । अपने जीवनकाल में अनेक अभियानों के दौरान अनेक पर्वतारोहियों की जान बचाने का भी सेवा कार्य किया है उसी का परिणाम रहा कि स्वयं के 2009 के एवरेस्ट अभियान के दौरान दुघर्टनाग्रस्त होकर मरणासन्न हो गये थे लेकिन अपने जीवन काल में बचाई जिन्दगियों की दुआओं वे स्वस्थ हुए और 14 फरवरी 2020 को अपनी जीवन के अंतिम क्षण तक साहसी गतिविधियों के संचालन के दौरान ही मृत्यु का वरण किया । जमशेदपुर में टाटा स्टील में एक्जीक्यूटिव की सेवा छोड़कर उन्होने बीकानेर को अपनी कर्मस्थली बनाया और युवाओं को साहसी खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया।ं जनवरी 2020 में भुवनेश्वर में आयोजित गरिमामय 25वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये इन्हे विशेष रूप से आमंत्रित किया था । राजस्थान के समस्त केन्द्रीय विद्यालयों, प्रदेश के सभी जिले के नेहरू युवा केन्द्र संगठनों के हजारों युवाओं को साहसी गतिविधियों से जोड़ते रहे है । राष्ट्रीय सेवा योजना के देशभर के युवाओं को इन्ही गतिविधियों का प्रशिक्षण बीकानेर में नेशनल एडवेंचर फाउन्डेशन के माध्यम से दिया । नेहरू युवा केन्द्र संगठन के पिछले राष्ट्रीय उत्सवों में हजारों युवाओं को साहसी गतिविधियों से जोड़ा ये उत्सव उदयपुर, लुधियाना, मंगलौर, रोहतक, गौहाटी, माझोली में आयोजित किये गये । राजस्थान के अलावा गुजरात, गोआ, दमन व दीव, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, आसाम, अरूणाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार व उड़िसा सहित अन्य प्रदेश में भी युवाओं को साहसी गतिविधियों से जोड़ा है । राजस्थान प्रदेश में राज्य सरकार के साहसी गतिविधियों के संचालन हेतु आपके निर्देशन में राजकीय उत्सवों के लिये अधिकृत किया गया था । आम गरीब युवा, पिछड़े वर्ग के बालक व बालिकाओं व दिव्यांगजन के लिये निःशुल्क कार्यक्रम आयोजित भी किये है । भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, नई दिल्ली के अनेक बार कार्यकारिणी सदस्य रहे मगन बिस्सा को आईएमएफ सिल्वर मेडल, आईएमएफ गोल्ड मेडल, नैनसिंह अवार्ड के अलावा मगन बिस्सा को एवरेस्ट अभियान 1985 में अदम्य साहस के लिये सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया । राजस्थान का सर्वाेच्च खेल पुरस्कार महाराणा प्रताप अवार्ड व बीकानेर के श्रेष्ठ डा. करणी सिंह अवार्ड के साथ नेशनल एडवेंचर क्लब द्वारा भारत गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया ।

आर के शर्मा-सचिव
नेशनल एडवेंचर फाउन्डेशन
राजस्थान चेप्टर बीकानेर
मोबाइल नं. 9414139950
डा. सुषमा बिस्सा 9414968050

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