नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा की पूरी स्वायत्तता
बीकानेर, 23अगस्त। ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृ भाषा को महत्व दिया है। वहीं शिक्षा में स्वायत्तता दी गईं हैं। इससे भारत परम्परागत, ज्ञान, जीवन संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर आगे बढ़ेगा। यह बात आई ए एस ई के चांसलर हिमांशु दुगड़ ने कही। वे यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020ः क्रियान्वयन एवं चुनौतियां’ विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे। रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित बीकानेर जिला उद्योग संघ में आयोजित इस संगोष्ठी में पांच विवि के प्रतिनिधि, स्कूल शिक्षा विदों ने शिरकत की। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा के समग्र प्रारूप पर मन्तव्य रखते हुए कहा कि शिक्षा समाज की भी जिम्मेदारी है हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे।
स्कूल शिक्षा के पूर्व संयुक्त निदेशक ओम प्रकाश सारस्वत ने नई शिक्षा नीति में आए सभी बदलावों की विवेचना की। पूर्व संयुक्त निदेशक डा विजय शंकर आचार्य ने तुलनात्मक रूप रखा। कृषि विवि में प्रो विमला डुकवाल, वेटरनरी विवि के डॉ त्रिभुवन शर्मा, गजेन्द्र सिंह सांखला , डॉ राजेन्द्र श्रीमाली एवं डाॅ. अम्बिका ढाका ने उच्च शिक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में विश्लेषणात्मक जानकारी दी। इसमें जिला मुख्यालय के पांचों (सरकारी एवं निजी) विश्वविद्यालयों के प्रतिनधियों सहित अन्य शिक्षाविदों ने विचार रखे। वहीं नई केन्द्रीय शिक्षा नीति के तहत कई रिनोवेशन जीरो बजट और उपलब्ध संसाधनों, डिजिटल और आॅनलाइन कोर्स आदि पर चर्चा की गई। बीकानेर है एजुकेशन हब’ श्रृंखला के तहत यह दूसरी संगोष्ठी आयोजित हुई।