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कोरोना मरीजों के बीच बैठ बेबाकी से उनकी आवाज उठा रहे हैं राजकुमार किराड़ू

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बीकानेर, 21 अगस्त। कोविड हाॅस्पिटल एवं कोविड केयर सेंटरों में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को किसी प्रकार की समस्याएं नहीं हों तथा कोई परेशानी होने की स्थिति में उनका त्वरित निस्तारण किया जा सके, इसके मद्देनजर 13 से 20 अगस्त तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पूर्व सचिव राजकुमार किराडू के नेतृत्व में सुपर स्पेशलिएटी सेंटर परिसर में अस्थाई कैम्प लगाया गया। कोरोना मरीजों के बीच बैठ अपनी जान को दांव पर लगा कर कोविड मरीजों की पीड़ा को बेबाकी से उठा रहे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव राजकुमार किराड़ू ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कोविड केयर सेंटर की अव्यवस्थाओं से अवगत करवाया ।
कैम्प के दौरान किराडू द्वारा कोरोना पाॅजिटिव मरीजों एवं उनके परिजनों से दूरभाष तथा नेगेटिव हो चुके मरीजों से व्यक्तिगत मुलाकात करते हुए हाॅस्पिटल की विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में विचार विमर्श किया गया। आठ दिनों में पाॅजिटिव से नेगेटिव हो चुके लगभग 50 लोगों तथा प्रतिदिन लगभग 100-150 पाॅजिटटिव मरीजों एवं उनके परिजनों से बात की। इस दौरान सामने आई कुछ समस्याओं एवं उनके समाधान के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।
वहीं यह ज्ञापन चिकित्सा मंत्री, चिकित्सा राज्य मंत्री, ऊर्जा मंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री सहित अधिकारियों को भी दिया गया। किराडू ने बताया कि अस्थाई कैम्प का उद्देश्य इन समस्याओं का समाधान करते हुए मरीजों को त्वरित राहत दिलाना है।

अस्थाई कैम्प के दौरान ये समस्याएं चिन्हित की गईं

कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती ऐसे कोरोना पाॅजिटिव मरीज जो शूगर, रक्तचाप, कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उनकी जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कम से कम एक विजिट प्रतिदिन सुनिश्चित करवाई जाए, जिससे इन गंभीर रोगियों की नियमित जांच हो सके।
कोविड हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती ऐसे मरीज जो अत्यंत वृद्ध हैं अथवा गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उनकी देखभाल के लिए दिन में कम से कम एक-दो बार उनके परिजनों को मिलने की व्यवस्था करवाई जाए। इसके लिए परिजन को पीपीई किट तथा बचाव के अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं।
कोविड हाॅस्पिटल की प्रत्येक फ्लोर पर एक्सटेंशन कोड वाले लेंडलाइन टेलीफोन नंबर की सुविधा होनी चाहिए, जिससे मरीज अपनी बात व्यवस्थापकों तक पहुंचा सके।
कोविड हाॅस्पिटल भवन का मेन ड्रेनेज सिस्टम चाॅक है। इस कारण भवन के वास बेसिन और यूरिनल का पानी और अपशिष्ट का सही निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
किसी मरीज के पाॅजिटिव रिपोर्ट होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसे एम्बूलेंस के माध्यम से अस्पताल अथवा कोविड सेंटर तक पहुंचाया जाता है, लेकिन नेगेटिव होने के बाद उसे घर पहुंचाने की व्यवस्था नहीं होती है। ऐसे में मरीज को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मरीजों एवं उनके परिजनों से बातचीत के दौरान यह सामने आया है कि कोविड हाॅस्पिटल एवं सेंटर में भोजन, चाय-दूध एवं नाश्ता समय पर नहीं पहुंचता है। इस कारण शूगर, रक्तचाप अथवा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को बेहद परेशानी होती है। इसकी प्रभावी व्यवस्था के लिए निर्देशित किया जाए।
कोविड हाॅस्पिटल एवं सेंटर में सफाई व्यवस्था में और अधिक सुधार की गंुजाइश है। विशेष तौर से संक्रमण वाली ऐसी बीमारी से बचाव के लिए इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद होम आइसोलेट हुए मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के लिए रोस्टर आधारित व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। कोविड हाॅस्पिटल अथवा कोविड केयर सेंटर में भर्ती मरीजों की जांच समय-समय पर होती रहती है, लेकिन होम आइसोलेट मरीज, संक्रमण मुक्त होने के बाद भी समय पर जांच से महरूम रहते हैं।
कोरोना से मौत के दो-तीन मामलों में पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उस मरीज का अंतिम संस्कार कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार कर दिया गया, लेकिन इसके बाद एसएमएस से आई सूचना के अनुसार वह मरीज नेगेटिव पाया गया। ऐसे में मरीज के परिजनों में प्रशासन के प्रति असंतोष का भाव पैदा होना लाजमी है। भविष्य में ऐसी पुनरावृर्ति नहीं हो, इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय की जाए।

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