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होम आइसोलेशन रोगियों की नियमित निगरानी रखे और सुलभ कराएं चिकित्सा-मेहता

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कार्यपालक मजिस्ट्रेट करें नियमित भ्रमण
बीकानेर, 19 अगस्त। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से भ्रमण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी पाबंद किया हुआ है। साथ ही चिकित्सा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जिन रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाता है उनके स्वास्थ्य का परीक्षण नियमित रूप से होता रहे।
मेहता बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कोविड-19 की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इन सभी को अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर स्थिति का आकलन करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पाबंद किया गया है, मगर कुछ अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट देने में विलंब किया जा रहा है, ऐसे अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और इसके बाद भी कार्य में गुणात्मक सुधार नहीं लाए गए तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए भी लिखा जाएगा।
जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन कोरोना पॉजिटिव रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, उनके स्वास्थ्य का परीक्षण चिकित्सक द्वारा नियमित रूप से होना चाहिए तथा संबंधित क्षेत्र के चिकित्सालयों के नर्सिंग स्टाफ द्वारा सुबह और शाम दोनों समय नियमित रूप से रोगी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर होम आइसोलेशन में रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रशासन को यह शिकायत की जाती है कि उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए अथवा दवा देने तथा उपलब्ध करवाने में किसी चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा कोताही बरती गई है तो संबंधित चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के विरुद्ध भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन में रहने वाले रोगियों में से कुछ रोगियों का रेंडम स्वास्थ्य का परीक्षण वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों द्वारा भी किया जाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विभाग में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारियों की जोन वार जिम्मेदारी तय करें। जिस अधिकारी को जिस जोन में लगाया गया है उसकी सूचना भी प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए।
जिला कलक्टर ने पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहम्मद सलीम से कहा कि कोविड-19 सेंटर में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। पानी, बिजली, सहित किसी तरह की दिक्कत आने पर बताएं, अगर पानी और बिजली की कोई समस्या लगातार आती है तो उसके स्थाई निदान के लिए विद्युत व जलदाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कॉविड केयर सेंटर में भ्रमण कर संपूर्ण व्यवस्था को चाक-चैबंद करने के लिए भी पाबंद किया जाएगा।

ब्लड बैंक में सुरक्षित रखा 28 यूनिट प्लाज्मा
अधीक्षक डॉ. सलीम ने बताया कि वर्तमान में ब्लड बैंक में 28 यूनिट प्लाज्मा सुरक्षित रखा है, जिसका उपयोग रोगियों को ठीक करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच गौरी और न्यास सचिव मेघराज सिंह मीना को निर्देश दिए कि वे प्रशासन द्वारा जिन होटल और भवन को कोविड-19 सेंटर के लिए चिन्हित किया गया है, उसका भी भ्रमण करें और संचालक को यह बताएं कि वर्तमान में जो परिस्थितियां चल रही है उसमें चिकित्सा और प्रशासन का सहयोग करें। अगर किसी होटल मालिक ने अनावश्यक रूप से मरीजों के साथ सुविधा में किसी तरह की कमी की तो उसके विरुद्ध एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी. एल. मीना ने बताया कि वर्तमान में 649 पॉजिटिव रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से 121 पीबीएम अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 243 जिला प्रशासन द्वारा संचालित कोविड-19 में  तथा 12 रोगी बी.एस.एफ. आर्मी तथा जयपुर में उपचाराधीन है वही 273 रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। बैठक में राजस्थान पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजीत सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) सुनीता चैधरी, सहायक प्रबंधक अधिकारी अर्चना व्यास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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