रामावत के राम: रेत के समंदर में महज 7 घंटे में बना दिए प्रभु श्री राम
बीकानेर। इस समय पूरा देश प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर के भूमि पूजन का जश्न मना रहा है। इस आयोजन में बीकानेरवासी भी पीछे नहीं है। प्रभु राम की पूजा अर्चना घर घर में हो रही है। इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए बीकानेर के कलाकार भला कहां पीछे रहने वाले हैं। ऐसे ही एक कलाकार है महावीर रामावत जिन्होंने अपने आर्ट के हुनर से नाल रोड स्थित रेत के धोरों में प्रभु श्री राम की मुहूर्त महज 7 घंटों में बना डाली। सैंड आर्ट का यह नायाब कमाल महावीर पहले भी दिखा चुके हैं। महावीर रेत के समंदर में देवों के देव महादेव तथा बाबा रामदेव आदि की मूर्ति भी बना चुके हैं। रामावत ने “द इंडियन डेली” को बताया कि जब अदालत ने प्रभु राम के पक्ष में फैसला सुनाया तब अपार खुशी हुई और अब मंदिर की नींव पूजन की घड़ी पर सेंड आर्ट से प्रभु की मूर्ति बनाकर खुशी जाहिर कर रहा हूं । धोरों पर इस भव्य कला को अंजाम देने में एक टैंकर पानी व बालू रेत का इस्तेमाल किया गया। इसे बनाने में 5 साथियों का सहयोग लिया गया। अथक परिश्रम के बाद रामावत के राम को आकार लेने में महज 7 से 8 घंटे लगे। रामावत ने भगवान राम के दोनों ओर धनुष तीर को भी आकार दिया। इतना ही नहीं रामावत ने राम के साथ राम का नाम “जय श्री राम” भी उकेर डाला।
फोटो ही बने प्रेरणा
प्रिंटिंग कारोबारी महावीर रामावत के अंदर का कलाकार इतना प्रबल है कि सैंड आर्ट जैसी कला के लिए किसी स्कूल में ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर उड़ीसा के कलाकारों को देखा और मन का कलाकार हिलोरे लेने लगा। रामावत कहते हैं उनके यहां समुंदर की रेत व पानी दोनों हैं। हमारे यहां भी रेत का भंडार है लेकिन पानी बड़ा चैलेंज है। फिर भी महावीर हिम्मत नहीं हारे। कला की प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकर भी डलवाने पड़े, लेकिन कदम पीछे नहीं रखें। महावीर के इस समर्पण भाव के चलते रेगिस्तान में सेंडआर्ट ने अवतार लिया। रामावत बताते हैं कि चार-पांच साल पहले धोरों पर इस कला को आजमाया, सफलता मिली तो लगातार इस काम को अंजाम देते रहे हैं। महावीर रामावत आमजन को संदेश दे रहे हैं कि आज 5 अगस्त 2020 का दिन दीपावली की तरह सभी लोग मिलकर खुशियां मनाएं