हर वर्ष 6 दिसम्बर को अयोध्या जाते हैं बीकानेर के व्यास, इस बार है दोगुना उत्साह
बीकानेर। राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कारसेवकों में जबरदस्त उत्साह है। वर्ष 1992 के बाद हर वर्ष 6 दिसम्बर को अयोध्या जाने वाले बीकानेर के कारसेवक सत्यनारायण व्यास ‘घना महाराज’ भी इनमें से एक हैं। कीकाणी व्यासों के चौक में रहने वाले व्यास बताते हैं कि वर्ष 1990 में अयोध्या में हुए गोलीकांड ने उन्हें बेहद आहत किया। इसके बाद देशभर से कारसेवकों का आह्वान हुआ तो हिंदुवादी विचारधारा के व्यास भी अयोध्या चले गए। उन्हें 12 लड़कों की टीम का लीडर बनाया गया। इनमें से दो के पास भगवा ध्वज फहराने की जिम्मेदारी थी। व्यास और उनका एक साथी इसे फहराने के लिए गुंबज पर चढ़ गए और बाकी लोग विवादित ढांचा तोड़ने लगे। इस दौरान व्यास का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गए। इसके बाद उन्हें फैजाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। फिर उनके खिलाफ सीबीआई में मामला भी दर्ज हुआ और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम ने बीकानेर में भी दबिश दी। व्यास बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष मंदिर बनने की आस में व्यास छह दिसम्बर को अयोध्या जाते हैं। कोर्ट का निर्णय आने के बाद व्यास जैसे असंख्य कारसेवकों में इस बार खुशी की लहर व्याप्त हो गई। पिछले 27 वर्षों की भांति इस बार भी व्यास पूरे जोश के साथ अयोध्या जा रहे हैं। उनका कहना है कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सभी ने दिल खोलकर स्वागत किया है। यह उनके लिए ऐतिहासिक क्षण है। इस बार दोगुनी खुशी के साथ वह अयोध्या जा रहे हैं।