इस बालक को पेट की आग के आगे न कोरोना का डर और न ही कर्फ्यू का भय
बीकानेर। बीकानेर शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है । इसके चलते जिला प्रशासन ने कोटगेट, केईएम रोड मोहता चौक सहित शहरी परकोटे के बड़े इलाके में कर्फ्यू लगा रखा था। इस अवधि में कोई भी व्यक्ति ना तो दुकान खोल सकता था और ना ही कोई आम नागरिक खरीदारी के लिए बाजार जा सकता था, लेकिन पेट की आग के आगे कुछ लोग बेहद विवश थे। ऐसा ही एक बालक कुछ दिन पहले कर्फ्यू एरिया में कबाड़ का गाडा लिया हुआ मॉडर्न मार्केट से केईएम रोड की ओर जा रहा था। उसे रोकने वाला कोई भी पुलिस का सिपाही नहीं था। वह बेखौफ होकर अपने पेट के जुगाड़ के लिए कबाड़ को जुटाने में मस्त था। उसे इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर शहर में कर्फ्यू है और पुलिस के जवान डंडे का भय दिखाकर रोक सकते हैं। वह तो अपनी ही धुन में चला जा रहा था। यह तस्वीर बहुत कुछ बयां कर रही हैं। बाल श्रम, कर्फ्यू की सख्ती, जरूरतमंदों तक भोजन की आपूर्ति आदि अनेक सवाल सिस्टम पर खड़े हो रहे हैं। इसका जवाब भी सिस्टम ही दे सकता है।


आज से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बाजार खुल रहे हैं। शहरवासी सरकार द्वारा बताई गई तमाम सावधानियों के साथ बाजार जाए। यदि इसमें जरा भी कोताही बरती तो ना केवल व्यक्ति स्वयं बल्कि उसका परिवार भी संकट में आ सकता है और मजबूरन प्रशासन को फिर से कर्फ्यू जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं। ऐसा ना हो इसलिए सभी सरकार व स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन का अक्षरस: से पालन करें।