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बिजली कंपनी द्वारा बिल भुगतान की तिथि से 3 दिन पहले रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र में खड़ी की जाए जीएसएस कैस वैन

बीकानेर। विवाद एवं शिकायत निवारण तन्त्र के द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं रमेश अग्रवाल ने जिला कलक्टर नामित मेहता से उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं के निवारण हेतु चर्चा की | अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि पूरे शहर में जिला प्रशासन द्वारा कर्फ्यू की घोषणा की हुई है और AEN D-3 का कार्यालय भी कर्फ्यू क्षेत्र में आता है कंपनी द्वारा बिल भुगतान की तिथि से 3 दिन पूर्व रानीबाजार औद्योगिक क्षेत्र स्थित जीएसएस कैस वैन खड़ी की जाए ताकि उद्यमी अपनी इकाइयों के बिल केश वेन में जमा करवाकर हाथों-हाथ रशीद प्राप्त कर सके | बिजली कंपनी द्वारा स्थायी शुल्क को बिलों में 50% के हिसाब से वसूला जा रहा है इस हेतु मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में स्थायी शुल्क माफ़ करने की सिफारिश की गई है इसलिए जब तक कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लिया जाता है तब तक वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कंपनी को स्थायी शुल्क को 25% के हिसाब से वसूल किया जाना चाहिए | वर्तमान में जोधपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा लगभग सभी बिलों में ऑडिट में बकाया राशि निकाली जा रही है जिसको कंपनी द्वारा जारी बिजली बिलों में जोड़कर उपभोक्ता को भिजवाया जाता है | इस हेतु उपभोक्ता को कंपनी के चक्कर लगवाकर ऑडिट राशि को अलग करवाकर बिल ठीक करवाने हेतु जाना पड़ता है | इसलिए कंपनी को पहले से ही इस ऑडिट राशि को डेफर्ड एकाऊंट में दर्शाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता कंपनी द्वारा जारी उपभोग की गई बिजली का बिना विभागीय चक्कर निकाले सीधे ऑनलाइन या अन्य माध्यम से भुगतान कर सके | साथ ही हमारी सदस्य इकाई द्वारा अपनी इकाई का कन्वर्जन औद्योगिक कन्वर्जन के रूप में 25 नवम्बर 2011में करवाया था जिसके तहत इकाई द्वारा कन्वर्जन चार्ज भी जमा करवा दिया गया था ओर इकाई द्वारा इस भूमि पर औद्योगिक गतिविधि भी शुरू कर ली गयी ओर राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2010 के तहत रजिस्ट्री शुल्क भी जमा करवा दिया था । लेकिन अब पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग वृत बीकानेर की ऑडिट द्वारा इस भूमि को आवासीय मानते हुए रूपांतरण शुल्क आवासीय के हिसाब से जारी करवाने का मुद्रांक राशि का नोटिस जारी कर दिया गया है । जहां एक ओर इस महामारी के समय सभी इकाइयां अपने अस्तित्व को बरकरार रखने की जुगत में है वहीं दूसरी ओर पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग वृत बीकानेर द्वारा ऐसी गलत ऑडिट निकालकर उद्यमियों की परेशानी को ओर अधिक बढाया जा रहा है ।

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