सीरी का बड़ा कमाल: स्वदेशी 2.6 मेगावाट एस.बैंड ट्यूनेबल पल्स मैग्नेट्रॉन की तकनीकी जानकारी पैनेसिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज को हस्तांतरित
पिलानी 15 जुलाई। कैंसर जैसी भयावह बीमारी का इलाज विकिरण चिकित्सा के माध्यम से संभव हो पाया है। मैग्नेट्रॉन, कैंसर के उपचार में उपयोग होने वाले इन उपकरणों का एक अभिन्न हिस्सा साबित हुआ है। जिन्हें लाइनेक कहा जाता है। साथ ही सीमा पर गैरकानूनी घुसपैठ और सामाग्री की तस्करी को रोकने में कार्गो जांच मशीन में भी यह अत्यंत उपयोगी है। मैग्नेट्रॉन, एक्स-रे पर आधारित कैंसर उपचार रेडियो थेरेपी मशीनों के लिए एक किफ़ायती समाधान है। सीएसआईआर-सीरी ने इस मशीन में प्रयोग होने वाले मैग्नेट्रॉन का अभिकल्पन और विकास किया है। इस मैग्नेट्रॉन का उपयोग करते हुए आवश्यक एक्स-रे की मात्रा भी प्राप्त कर ली गई है। सीरी के सूक्ष्म तरंग युक्तियाँ क्षेत्र द्वारा विकसित 2.6 मेगावाट एस-बैंड ट्यूनेबल पल्स मैग्नेट्रॉन की तकनीकी जानकारी का औद्योगिक हस्तांतरण देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए 14 जुलाई 2020 को मेसर्स पैनेसिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड बैंगलुरु को किया गया। भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी की तकनीकी जानकारी को बैंगलुरु स्थित कंपनी के साथ साझा किया जा रहा है। इससे देश में उपलब्ध रेडियोथेरेपी मशीनों में स्वदेशी मैग्नेट्रॉन का उपयोग किया जा सके। अभी इन मशीनों में आयात किए गए मैग्नेट्रॉन का ही उपयोग होता है। इस अवसर पर सूक्ष्म तरंग युक्तियाँ क्षेत्र के एरिया कोऑर्डिनेटर डॉ आर के शर्मा, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक तथा मैग्नेट्रॉन के परियोजना प्रमुख डॉ शिवेन्द्र मौर्य ने विकसित प्रौद्योगिकी का तकनीकी प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर एम एस टीम के माध्यम से डॉ शेखर सी.मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर के साथ-साथ सीएसआईआर-सीरी के नए निदेशक डॉ पी सी पंचारिया, बीएआरसी के डॉ अजीत कुमार मोहंती, निदेशक तथा डॉ अर्चना शर्मा व डॉ श्रीकृष्ण गुप्ता, डॉ डी के असवाल, निदेशक, सीएसआईआर-एन पी एल, नई दिल्ली एवं डॉ पी के खन्ना और डॉ जे एल रहेजा उपस्थित थे। इस अवसर पर मेसर्स पैनेसिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ के प्रतिनिधि डॉ जी वी सुब्रमण्यम ने अपनी कंपनी की गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय दिया। अपने संबोधन में डॉ शेखर सी. मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने सीएसआईआर.सीरी द्वारा पूर्व में अर्जित उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए संस्थान के वैज्ञानिकों को इस प्रौद्योगिकी के विकास के लिए बधाई दी। डॉ. पी. सी. पंचारिया निदेशक सीएसआईआर.सीरी ने कहा कि सूक्ष्म तरंग युक्तियाँ प्रभाग सीरी में सबसे पुराना शोध क्षेत्र है। उन्होंने मैग्नेट्रॉन के अनुप्रयोगों की चर्चा करते हुए आशा व्यक्त कि यह युक्ति मेसर्स पैनेसिया के माध्यम से अपने उद्देश्यों को साकार करने में सफल होगी।
क्या है मैग्नेट्रॉन
मैग्नेट्रॉन सहज रूप से कुशल, सुगठित, उच्च शक्ति निर्वात आधारित सूक्ष्म तरंग स्रोत है, जो चिकित्सा सहित सामरिक और सामाजिक क्षेत्रों में बहुत सारे अनुप्रयोगों के लिए किफायती समाधान उपलब्ध करवाता है। उच्च शक्ति चलतरंग या सी डब्लू मैग्नेट्रॉन का अनुप्रयोग घरेलू ओवन के निम्न शक्ति अनुप्रयोगों के अलावा औद्योगिक तापन, सूक्ष्मतरंग आधारित प्लाज्मा गैसीकरण, पदार्थ एवं अयस्क प्रसंस्करण में होता है।
सामरिक क्षेत्र में मैग्नेट्रॉन का उपयोग लक्ष्य के ट्रैकिंग और एक्विजिशन राडार, मिसाइल गाइडिंग राडार, मौसम एवं विमान यातायात नियंत्रण राडार प्रणाली, मैरीन राडार आदि में होता है। बैंड में हाई पल्स पावर मैग्नेट्रॉन का सामरिक क्षेत्रों जैसे नौसैनिक राडार, ग्राउंड मिसाइल गाइडेंस राडार, एमटीआई राडार में व्यापक अनुप्रयोग होता है और मेडिकल लाइनैक प्रणालियों सहित विभिन्न तरह के पार्टिकल एक्सलेरेटर्स में आरएफ स्रोत के रूप में कार्य करता है। वर्तमान परिदृश्य मेंए हमारे रक्षा सेवाओं को एलए सी और केयू बैंड के मौजूदा राडार प्रणालियों के लिए बड़ी संख्या में उच्च शक्ति मैग्नेट्रॉन की आवश्यकता है।
इससे पूर्व सीएसआईआर.सीरी ने नौसैनिक राडार के लिए .बैंड, 500 मिलोवॉट पल्स्ड मैग्नेट्रॉन, ग्राउंड मिसाइल गाइडेंस राडार और एमटीआई राडारों के लिए क्रमश: 800 मिलोवाट और 1 मेगावॉट मैग्नेट्रॉन विकसित किया है।
2.6 मेगावाट एस.बैंड ट्यूनेबल पल्स्ड मैग्नेट्रॉन
रेडियोथेरेपी का उद्देश्य कैंसर ट्यूमर को वांछित विकिरण डोज़ देना है जिससे कैंसर से प्रभावित कोशिकाएँ नष्ट हो सकें तथा आसपास के सामान्य ऊतकों पर इसका प्रभाव न्यूनतम हो। रेडिएशन थैरैपी (क्षणिक विकिरण थैरैपी) में कैंसरयुक्त ट्यूमर कोशिकाओं को मारने या कैंसर का उपचार करने के लिए रेडिएशन एक्सपोजर सिद्धांत का उपयोग किया जाता है। विकिरण चिकित्सा के लिए उपयोग किए जाने वाले मेडिकल लाइनैक्स (लिनियर एक्सलेरेटर्स) को अपने प्रचालन के लिए प्रभावी आर.एफ. स्रोतों की आवश्यकता होती है। मेडिकल लाइनैक में आर.एफ. पॉवर स्रोत के रूप में 2.6 मेगावाट ै.बैंड ट्यूनेबल पल्स्ड मैग्नेट्रॉन सर्वाधिक उपयुक्त होता है। आरएफ तरंग पल्स्ड मैग्नेट्रॉन द्वारा लाइनैक्स वेवगाइड प्रणाली में स्पंदित की जाती है। मैग्नेट्रॉन आर.एफ. तरंग की शक्ति और आवृत्ति को नियंत्रित करता है जो परिणामस्वरूप उत्पादित ग्.किरणों की उर्जा और मात्रा निर्धारित करता है। सीएसआईआर.सीरी ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी एवं टेलीमेडिसिन प्रभाग), संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयए भारत सरकार के सहयोग से वर्ष 2013 में ै.बैंड 2.6 मेगावाट ट्यूनेबल पल्स्ड मैग्नेट्रॉन को सफलतापूर्वक अभिकल्पित एवं विकसित किया है। सीएसआईआर.सीरी द्वारा अभिकल्पित एवं विकसित लैब प्रोटोटाइप का वास्तविक लाइनैक प्रणाली में परीक्षण किया गया जिसमें ग्.किरणों की अभीष्ट मात्रा प्राप्त हुई।
आत्म निर्भर भारत अभियान की प्रेरणा के अंतर्गत अपने ही देश में इसका विकास करने एवं आयात का विकल्प तैयार करने के लिए इसके डिजाइन संबंधी तकनीकी ज्ञान को मेसर्स पैनेसिया मेडिकल प्राइवेट लिमिटेडए बेंगलुरु, भारत के साथ साझा किया जा रहा है।
आशा है कि तकनीकी जानकारी का यह हस्तांतरण न केवल भविष्य में मैग्नेट्रॉन के आयात पर निर्भरता को कम करेगा अपितु भारत के चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्र इस स्वदेशी मैग्नेट्रॉन के उपयोग से मेक.इन.इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करेंगे।
डॉ. डी.के. असवाल ने अपने उद्बोधन में डॉ मांडे सहित सभी गणमान्य जनों का स्वागत किया। उन्होंने संस्थान के नवनियुक्त निदेशक को बधाई दी। मैग्नेट्रॉन के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह सूक्ष्मतंरग युक्तियों का केंद्र है और डीआरडीओ और इसरो सहित चिकित्सा के क्षेत्र में भी इसके अनेक अनुप्रयोग हैं।
अपने सम्बोधन में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने भी डॉ. पंचारिया को निदेशक का पदभार सम्भालने के लिए शुभकामना दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डॉ पंचारिया के नेतृत्व में यह संस्थान प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। उन्होंने सीरी का अतिरिक्त दायित्व सम्भालने के लिए डॉ. असवाल की सराहना की । अपने सम्बोधन में सीरी की विगत उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी भी मेसर्स पैनेसिया मेडिकल टेक्नोलॉजीज के माध्यम से उत्पाद के रूप में बाजार में आएगी। अंत में उन्होंने यह प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए संस्थान के सभी सहकर्मियों को बधाई दी।
बार्कए मुम्बई की और से डॉ. ए.के. मोहंती ने सीएसआईआर.सीरी और मेसर्स पैनेसिया को अपनी ओर से शुभकामना दी। अपने संक्षिप्त संबोधन में डॉ. पी.सी.पंचारिया ने कहा कि सूक्ष्मतरंग युक्तियाँ प्रभाग सीरी में सबसे पुराना शोध क्षेत्र है। उन्होंने मैग्नेट्रॉन के अनुप्रयोगों की चर्चा करते हुए आशा व्यक्त कि की यह युक्ति मेसर्स पैनेसिया के माध्यम से अपने उद्देश्यों को साकार करने में सफल होगी।
इस अवसर पर प्रौद्योगिकी संबंधी तकनीकी जानकारी के दस्तावेजों का प्रदर्शन भी किया गया जिनका बाद में दोनों पक्षों द्वारा आदान.प्रदान किया जाएगा। इसके बाद डॉण् जीण्वीण् सुब्रमण्यम द्वारा अपनी कंपनी की गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। उन्होंने 2.6 मेगावाट एस.बैंड ट्यूनेबल पल्स मैग्नेट्रॉन की तकनीकी जानकारी के आदान.प्रदान के माध्यम से सीरी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़ने से प्रसन्नता व्यक्त की तथा इसके लिए सीएसआईआर के महानिदेशक तथा सीरी के निदेशक के प्रति आभार व्यक्त किया।
अंत में डॉ पी के खन्ना, मुख्य वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।