अधूरा ही रह गया संसोलाव तालाब के जीर्णोद्धार व साफ सफाई का काम
बीकानेर। तत्कालीन जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम के निर्देश पर बीती 2 जुलाई को संसोलाव तालाब के जीर्णोद्धार और कैचमेट एरिया में साफ-सफाई का काम बड़े जोर शोर से शुरू करवाया गया था। तब यूआईटी सचिव मेघराज सिंह मीना ने बताया था कि तालाब में झाड़ियां, कीकर आदि हटाए जाएंगे। साथ ही केचमेट एरिया को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाएगा, जिससे आगामी मानसून के दौरान तालाब में पानी बिना किसी रूकावट के आ सके। मगर इस तालाब का हालात यह है की यहां अब किसी भी प्रकार के ना तो सफाई हो रही है ना ही कोई जीर्णोद्धार का काम हो रहा है। तालाब के आगोर में कचरा पसरा पड़ा है और झाड़ियां भी यथावत पड़ी है। हैरानी की तो बात यह है कि इस कार्य में मांगीलाल हरीराम तथा शबनम कंस्ट्रक्शन कंपनी करमीसर के सहयोग के साथ न्यास के ठेकेदारों द्वारा मशीनों आदि का प्रयोग कर श्रमदान में सहयोग लेने की बातें भी कही गई थी। यहां सवाल उठता है कि कुछ दिन पहले अखबारों में सुर्खियां बने सहयोग करने वाले ये लोग तालाब के जीर्णोद्धार का काम मझधार में छोड़ अचानक कहां गायब हो गए। सूत्रों के अनुसार यहां महज दो दिन ही सफाई का काम चला उसके बाद कोई नहीं आया। आगोर में कचरा यथावत है।
इनका कहना है
हम तो दो तीन दशक से दर्शनार्थी हैं। कुछ साल पहले हमने सात दिन तक सफाई अभियान चलाकर संसोलाव तालाब की सफाई कर चमकाया था। अब मानसून सिर पर है और संसोलाव तालाब की सफाई अधूरी पड़ी है। तत्कालीन कलक्टर कुमार पाल गौतम जो आदेश करके गए थे उसे पूरा करें। कम से कम कचरा तो हटाएं और आगोर की अच्छे से सफाई हो ताकि तालाब में स्वच्छ जल आए तो आस पास के निवासी लाभान्वित हो सकें। – घनश्याम लखाणी, दर्शनार्थी, काशी विश्वनाथ मन्दिर, संसोलाव