ईसीबी में स्ट्रेस मैनेजमेंट विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
कोरोना की चुनौती स्वीकारें और लड़ें: प्रो. राठौड
तनाव है तो जीवन है: डॉ. बिस्सा
बीकानेर। कोरोना काल में चैलेन्ज को स्वीकारना, औपर्च्युनिटी अर्थात अवसर को बढ़ाना और वर्च्युअल शिक्षा के सहारे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना अहम् है. ये विचार अभियांत्रिकी महाविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा “स्ट्रैस मैनेजमेंट” विषय पर आयोजित नेशनल वेबिनार में महाराणा प्रताप कृषि और प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन एस राठौड ने व्यक्ति किये. प्रो. राठौड ने कहा कि वर्तमान में हम धनार्जन करने, सत्ता और शक्ति प्राप्त करने और नेटवर्क निर्माण से काम साधने की आपाधापी में इतने ज़्यादा व्यस्त हो चुके हैं कि जीवन जीना मानो भूल ही गये हैं अतः जीना भी ज़रूरी है. प्रो. राठौड ने विद्यार्थियों को प्रेम करने, सद्भावना से जीने और अपने अंतर्मन की इच्छाओं की पूर्ति करने हेतु प्रेरित किया.
कार्यशाला के मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ गौरव बिस्सा ने कहा कि तनाव और ज़िन्दगी समानार्थक शब्द हैं अतः तनाव से लड़ें लेकिन हथियार कदापि न डालें. उन्होंने कहा कि जीवन की तुच्छ घटनाओं का पोस्टमार्टम करके सदा तनावग्रस्त रहना मूर्खता है. छोटी बातों को छोड़कर उच्च लक्ष्यों पर फोकस होना चाहिए. डॉ. बिस्सा ने क्रिएटिव विजुअलाइजेशन की शक्ति, प्राणायाम के महत्त्व और इटली के विश्वविद्यालय में मंत्रोच्चार पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों के सहारे समझाया कि हर बात का लोड लेना घातक है. डॉ. बिस्सा ने कहा कि हमें जो मिला है उसका आभार जताने की बजाय प्रति पल “और ज़्यादा” की चाहत के चलते हमने तनाव को धारण कर लिया है. उन्होंने कहा कि प्रति पल ईश्वर का, माता – पिता का और गुरुजनों का आभार जताना आवश्यक है. डॉ. बिस्सा ने नृत्य आधारित व्यायाम, बॉस मैनेजमेंट और कार्मिकों के बीच के संबंधों की भी उदाहरणों के साथ व्याख्या की.
कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश भाम्भू ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि व्यर्थ की सोच, विश्लेषण और बेकार चिंता की आदत व्यक्तित्व का नाश कर देती है अतः जो है उसमे आनंदित रहें और जीवन को जियें. इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुड़ी ने अथिथियों का स्वागत किया और जीवन में मोटिवेशन के महत्त्व को समझाया. डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. राजेन्द्र शेखावत ने ईसीबी द्वारा आयोजित गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण दिया. कार्यक्रम समन्वयक डॉ. इंदु भूरिया ने अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार जताया.