प्रदेश के 60 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक में किया क्रमोन्नत
बीकानेर । प्रदेश के 60 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत कर दिया गया है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने मंगलवार को प्रदेश के समस्त माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर निर्देश दिये हैं। आदेश में निदेशक ने बताया कि क्रमोन्नत विद्यालय सत्र 2020-21 से प्रारंभ किए जा सकेंगे। साथ ही स्वीकृति के वर्ष सुविधानुसार कक्षा 9 व 10 एक साथ प्रारंभ की जा सकती है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर से मान्यता हेतु निर्धारित 4 पपत्रों से सूचना की पूर्ति करवाकर मान्यता प्राप्त करने की कार्यवाही की जाए। आदेश में बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होने पर विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत प्रधानाध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के पद पर कार्यरत वरिष्ठ अध्यापक को उसके विषय के वरिष्ठ अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाएगा। इसी प्रकार से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत शारीरिक शिक्षक ग्रेड थर्ड को क्रमोन्नत राजकीय माध्यमिक विद्यालय में शारीरिक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा । उन्होंने बताया कि क्रमोन्नत होने वाले राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक ग्रेड थर्ड लेवल फर्स्ट लेवल सेकंड के अध्यापक जिनका 6D में सेटअप परिवर्तन हो चुका है उनका समायोजन राजकीय माध्यमिक विद्यालय में उनके विषय के स्वीकृत पद पर किया जाएगा।
शेष शिक्षक ग्रेड थर्ड लेवल 1 लेवल 2 के अध्यापकों को प्रविष्टि शाला दर्पण में तीन बी में की जाएगी एवं यह अध्यापक 6D की कार्यवाही होने तक एवं अन्य शिक्षकों के पदस्थापन होने तक क्रमोन्नत विद्यालय में ही कार्य करते रहेंगे तथा इनका वेतन आहरण पूर्व की भांति प्रारंभिक शिक्षा विभाग से किया जाएगा। आदेश में बताया कि पदों को आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावी माना जाएगा इन पदों पर नियमानुसार सीधी भर्ती या पदोन्नति की रिक्तियों के लिए गणना हेतु गणना की जा सकेगी यदि प्रस्तावित विद्यालय में सत्र 2020-21 में नामांकन कम होता है तो स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार नव क्रमोन्नत विद्यालयों से अध्यापकों के पदों का स्थानांतरण आवश्यकता वाले विद्यालयों पर किया जा सकेगा अथवा उन्हें समाप्त किया जा सकेगा। विद्यालय के क्रमोन्नति आदेश जारी करने से पूर्व विद्यालय का नाम, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला डाइस कोड आदि की जांच कर ही आदेश जारी किए जाएं। देखें सूची


