एमएसएमई एक्ट का बढ़ा दायरा, उद्यमियों को दफ्तरों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि प्रदेश समेत देशभर में पिछले 14 वर्ष पुराने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम को एक जुलाई से बदलकर नया अधिनियम लागू कर दिया गया है। इसमें एमएसएमई का दायरा बढ़ाते हुए जो उद्योग सालाना टर्नओवर व पूंजीगत निवेश के कारण इस क्षेत्र से बाहर हो गए थे वे फिर से एमएसएमई के दायरे में आ जाएंगे। नए उद्यम से बीकानेर के करीब 11 हजार उद्योग लाभान्वित होंगे। साथ ही प्रदेश के करीब 1.25 लाख उद्यमियों को इसका लाभ मिलेगा। नए अधिनियम में उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और रजिस्ट्रेशन भी पोर्टल से हो जाएगा। अब मैन्युफेक्चरिंग और सेवा प्रदाता को खत्म कर एक ही श्रेणी लागू कर दी गई है। एमएसएमई एक्ट-2006 की जगह उद्यम रजिस्ट्रेशन लागू हो गया है। इस एक्ट के अंतर्गत मशीनरी और संयंत्र की लागत को शामिल किया गया है।
अब सालाना पांच करोड़ तक टर्न ओवर को सूक्ष्म उद्योग श्रेणी में
जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा ने बताया कि सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत पूर्व में 25 लाख रूपये के केपिटल निवेश वाले ही इस श्रेणी में शामिल थे। ऐसे में नए एक्ट में एक करोड़ रूपये तक के पूंजीगत निवेश या सालाना पांच करोड़ रूपये तक के टर्नओवर को शामिल किया गया है। लघु उद्योग के अंतर्गत पूर्व में पांच करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश तक के ही उद्योग इस श्रेणी में शामिल थे जो अब दस करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश या 50 करोड़ का सालाना टर्नओवर कर दिया है। मध्यम श्रेणी उद्योग के अंतर्गत पूर्व में 10 करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश के उद्योग इसमें शामिल थे जिसे बढाकर अब पचास करोड़ रूपये तक का पूंजीगत निवेश या 250 करोड़ रूपये तक का सालाना टर्नओवर कर दिया है। जिला उद्योग अधिकारी अतुल शर्मा ने बताया कि रजिस्ट्रेशन का प्रारूप उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर उपलब्ध है। उद्यम रजिस्ट्रेशन फ़ाइल करने की फीस नहीं होगी। आधार संख्या अपेक्षित होगी। स्वामित्व फर्म के मामले में स्वामी का आधार लगेगा। भागीदारी फर्म के मामले में प्रबंधक भागीदारी का आधार लगेगा। हिन्दू अविभक्त कुटुंब के मामले में करता की आधार संख्या मानी होगी।