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एसकेआरएयू: बीमार अनार पर 2 से होगा नेशनल वेबिनार

अनार उत्पादन की समस्याओं पर मंथन

बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ‘गुणवता पूर्ण अनार उत्पादन’ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार दो-तीन जुलाई को आयोजित की जाएगी।
 कुलपति डॉ आर पी सिंह ने बताया की अनार की खेती में अच्छी आमदनी को देखते हुए गत वर्षों में प्रदेश में इसका क्षेत्रफल बढ़ा है। इसके बावजूद किसानों के सामने फलों का फटना, बहार का चयन, कटाई-छटाई की तकनीक, जल व पोषक तत्वों का प्रबंधन, फलों का आकार व गुणवता, फलों की तुडाई उपरान्त प्रबंधन व उनका मूल्य सवर्धन जैसी समस्याएं रहती हैं।
गुणवत्ता पूर्ण अनार उत्पादन के लिए किसान को इन तकनीकी बिंदुओं की जानकारी होना आवश्यक है। ऐसी समस्याओं पर मंथन करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा नेशनल वेबिनार आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश के विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे।

बताएंगे अनार की बीमारियों के उपाय

अनुसन्धान निदेशक एवं वेबिनार संयोजक डॉ. पी. एस. शेखावत ने बताया कि इस वेबिनार में राष्ट्रीय अनार अनुसन्धान केन्द्र (सोलापुर) की निदेशक डॉ ज्योत्सना शर्मा ‘अनार में लगने वाली बीमारियो के नियंत्रण के उपाय’, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान (बीकानेर) के निदेशक डॉ पी एल सरोज ‘शुष्क फलो की उन्नत उत्पादन तकनीक’, संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ बी डी शर्मा ‘अनार के जल व पोषण प्रबंधन’ पर व्याख्यान देंगे।
 महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ राहुरी के उद्यानिकी प्रोफेसर डॉ वी एस सुपे ‘अनार की आधुनिक उत्पादन तकनीक’, राष्ट्रीय अनार अनुसन्धान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एन. वी. सिंह ‘अनार के गुणवतापूर्ण पौध उत्पादन’, इसी केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आशीष मैती ‘मिट्टी व पोषक तत्वों के प्रबंधन’, डॉ मलिकार्जुन ‘अनार पर लगने वाले कीड़ो के नियंत्रण के उपाय’ तथा डॉ. नीलेश गायकवाड़ ‘अनार के तुडाई उपरान्त प्रबंधन व मूल्य संवर्धन’ पर अपना व्याख्यान देंगे।
 वेबिनार के आयोजन सचिव डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि वेबिनार में रास्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुडगाव के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. संशार अहमद बोर्ड द्वारा अनार के बगीचों की स्थापना के लिए किसानो को दी जा रही सब्सिडी के बारे में बताएंगे। सयुंक्त निदेशक, कृषि डाॅ. उदयभान व उप निदेशक उद्याानिकी डॉ. जयदीप दोगने किसानो के लिए बगीचों की स्थापना के अनुदान के बारे में बताएंगे। डाॅ. राठौड़ ने बताया कि वेबिनार में कृषि वैज्ञानिक, विद्यार्थी और किसान भाग लेंगे। वहीं विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर इसे लाइव भी देखा जा सकेगा। 

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