क्वारन्टाईन अवधि व धार्मिक स्थलों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा फैसला
बीकानेर। लॉकडाउन के कारण बंद किए गए ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे धार्मिक एवं उपासना स्थलों, जिनमें सीमित संख्या में श्रद्धालु आते हैं, को 1 जुलाई से खोले जाने की छूट दी है। इन धर्मस्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोरोना से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों की पालना करना अनिवार्य होगा। देश के विभिन्न हिस्सों से राजस्थान आने वाले व्यक्तियों के लिए 14 दिन के होम क्वारेंटाइन की अनिवार्यता को हटाने के निर्देश भी दिए हैं।
निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। लॉकडाउन के कारण बंद हुए धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटियों के सुझावों के आधार पर शहरों में सभी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थलों को फिलहाल नहीं खोला जाए। जीवन की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोपरि है। इसलिए जनहित में अभी ऐसा किया जाना आवश्यक है।
ग्रामीण क्षेत्र में केवल उन्हीं धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी जहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन 50 या इससे कम लोग आते हैं। इन स्थलों पर एक समय में सीमित संख्या में लोग उपासना, दर्शन अथवा अन्य धार्मिक कार्यों के लिए मौजूद रह सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क पहनने आदि हेल्थ प्रोटोकॉल सहित भारत सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों के लिए जारी एसओपी की पालना सुनिश्चित की जाए।
दूसरे राज्यों से प्रदेश में आने वाले व्यक्तियों के लिए 14 दिन की होम क्वारेंटाइन अवधि की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। लेकिन ऐसे लोग स्वेच्छा से अपनी आवाजाही को सीमित रखें तथा संक्रमण से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं एवं लक्षण होने पर अविलम्ब जांच करवाकर चिकित्सकीय परामर्श लें।
21 से 30 जून तक प्रदेशभर में चलाये जा रहे कोरोना जागरूकता अभियान की अवधि एक सप्ताह तक बढ़ाने के निर्देश दिए। कोरोना संक्रमण से बचाव में जागरूकता के महत्व तथा इस अभियान की सफलता को देखते हुए इस अभियान को 7 जुलाई तक बढ़ाया जाए। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से लोग आगे आकर जुड़ रहे हैं, यह अच्छा संकेत है। इसी प्रकार के प्रयासों से ही हम प्रदेश में कोरोना का नियंत्रित कर पा रहे है। जागरूकता अभियान में सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म का बेहतर उपयोग किया जाए।