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ईसीबी में नये बीटेक कोर्स “डाटा साइंस व एआई” को पढ़ाने का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू

बहुविषयक शोध एवं तकनीकी समस्याओं के समाधान में डाटा साइंस विषय की भूमिका महत्वपूर्णः प्रो. मनोज

पहले दिन रही देश भर से 650 शिक्षकों की भागीदारी

कार्यक्रम का मार्गदर्शन किया आई.आई.टी जम्मू के निदेशक प्रो. मनोजसिंह गौड़ ने

बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के आई.टी. विभाग तथा राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वाधान में टैक्युप द्वारा प्रायोजित “’डाटा साइंस एंड लर्निंग साइंस फॉर एजुकेशन अवं रिसर्च डिज़ाइन’” विषय पर एक सप्ताह का ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी) जम्मू के निदेशक एवं कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रो. मनोजसिंह गौड़ ने वेबेक्स एप के माध्यम से किया।

प्रो. गौड़ ने उद्घाटन सत्र में बताया कि भविष्य में डाटा साइंस ही रिसर्च का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा। उन्होंने वर्तमान में चल रहे COVID-19 संकट में डेटा साइंस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महामारी अपने आप में शिक्षाविदों और अनुसंधान के लिए चुनौतियों और अवसरों से भरी है। उन्होंने बड़े डेटासेट पर काम करने और डेटा क्लीनिंग, डेटा तैयारी और डेटा विश्लेषण की प्रक्रिया के अपने अनुभव को साझा किया।

डॉ. गौड़ ने बताया जिस तरह से हम आज सोशल इंजीनियरिंग के दौर में विभिन एप्लीकेशन के जरिये संवाद करते हुए अपनी जानकारी इंटरनेट पर ले रहे है यह व्यापार जगत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । हर प्रकार की कम्पनीज डाटा को प्रोसेस करके इसको महत्वपूर्ण जानकारी में तब्दील कर रहे , फिर चाहे वो किसी भी व्यक्ति इंटरनेट के जरिये वस्तुओं की खरीदारी, बैंकिंग एवं गेमिंग इत्यादि से संबंधित जानकारी हो। इस प्रकार के डाटा को नियमों के तहत संजोकर मशीन लर्निंग एवं डीप लर्निंग तकनीक के सहारे ग्राहक की पसंद या नापसंद को देखते हुए नए बिज़नेस मॉडल तैयार किये जाते है । इन बिज़नेस मॉडल को बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनीज अपने व्यापार में इस्तेमाल करके अच्छा मुनाफा बना सकती है। इसके साथ प्रोफ. गौड़ ने डाटा साइंस में आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए बताया कि डाटा हर माध्यम से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है परन्तु सारा डाटा काम का नहीं होता है इसमें से प्रोसेसिंग करके सही सूचनाओं को निकलना बहुत आवशयक है , अन्यथा बिज़नेस मॉडल गलत प्रिडिक्शन कर सकते है। इसलिए आज डाटा साइंटिस्ट की बहुत आवश्कता है जो की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध डाटा से महत्वपूर्ण जानकारी प्रोसेस कर सके।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के टेक्विप-III समन्वयक प्रो. साथंस ने सभी प्रतिभागियों को अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के साथ की गयी विभिन ट्विनिंग गतिविधियों के बारे में अवगत किया।

ईसीबी प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश भामू व टेक्युप समन्वयक डॉ. ओम प्रकाश जाखड़ ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश से विभिन्न तकनीकी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के करीबन 650 से अधिक शिक्षक एवं रिसर्च स्कॉलर भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया की नए सत्र से महाविद्यालय में डाटा साइंस अवं आर्टिफिशियल लर्निंग पर नया कोर्स शुरू होगा इस दृष्टि से यह कार्यशाला फैकल्टी मेंबर्स के लिए बहुत उपयोगी होगी। उन्होंने बताया कि डाटा के निरंतर बढ़ते उपयोग को देखते हुए सरकार को जल्द ही कम्पनीज एवं डाटा साइंटिस्ट की मदद से डाटा पालिसी का निर्माण करना होगा ताकि यह बिज़नेस एक व्यवस्थित रूप में आगे बढ़े ।

इसी क्रम में द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के ड़ॉ अनूप कुमार ने डाटा साइंस पर विभिन टूल्स एवं टेक्निक्स का उपयोग करने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डाला। ईसीबी के इनफार्मेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष धनरूपमल नागर ने डाटा साइंस के अंतर्गत उपयोग में आने वाले प्राइवेसी इश्यू पर विचार रखे । कार्यक्रम के समन्वयक डॉ विक्रम (एनआईटी कुरुक्षेत्र) व पूनम शर्मा एवं डी.राजशेखर (ईसीबी बीकानेर) ने ट्रेनिंग में भाग लेने वाले प्रतिभागियों व विशषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की ।

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