चौथी औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बनने के लिए ऊर्जा, उत्पादन, आटोमेशन व डाटा केंद्रित वातावरण में बदलाव जरूरी : प्रो. डंगायच
– ईसीबी में “मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज एंड इंडस्ट्री 4.0” विषयक ऑनलाइन कार्यशाला का हुआ आगाज
– क्रिएटिंग फ्यूचर रेडी पीपल एंड आर्गेनाइजेशनस पर दिया गया जोर
बीकानेर। अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के मैकेनिकल विभाग में टैक्युप द्वारा प्रायोजित “मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज एंड इंडस्ट्री 4.0” विषय पर पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ एमएनआईटी जयपुर के प्रो. डंगायच ने वेबेक्स एप के माध्यम से किया। प्रो. डंगायच ने कार्यशाला के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए बताया की देश में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप कोयला उद्योग और कोल इंडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 का मतलब है-स्मार्ट इंडस्ट्री। चौथी औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बनने के लिए ऊर्जा, उत्पादन, आटोमेशन, डाटा केंद्रित वातावरण में बदलाव लाने होंगे। उन्होंने बताया कि जिस उत्पादन को महीनों में परंपरागत तरीके से किया जाता था, वह आज चंद घंटों में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से किया जाने लगा है। आज मानव की जीवन शैली स्मार्ट हो चुकी है। स्मार्ट टेक्नोलाजी ने सब कुछ सरल कर दिया है। जीवन के हर क्षेत्र में लगातार नये अविष्कार हो रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने सभी क्षेत्रों में क्रांति ला दी है।
दूसरे सत्र में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के डॉ. दीक्षित गर्ग ने बताया कि आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह के प्रबंधन में कच्चे माल की आवाजाही और भंडारण, कार्य-प्रक्रिया की सूची , तैयार माल शामिल हैं, इसमें आपूर्ति श्रृंखला इंजीनियरिंग के समान लक्ष्य हैं परन्तु आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन अधिक पारंपरिक प्रबंधन और व्यवसाय आधारित दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जबकि आपूर्ति श्रृंखला इंजीनियरिंग एक गणितीय मॉडल पर आधारित है। प्राचार्य डॉ भामू ने बताया की ईसीबी महाविद्यालय प्रयासरत है कि कैसे उद्योगों व महाविद्यालय के बीच सही तालमेल बन सके जिससे उनकी समस्याओं का शोधार्थियों द्वारा निबटारा किया जा सके। इसके लिए विभाग के शोधार्थी सिरेमिक उद्योग, बायो एनेर्जी व सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं I
विभागाध्यक्ष डॉ सी एस राजोरिया ने बताया की टेक्विप-III द्वारा प्रायोजित ट्रेनिंग में देश भर के 300 प्रतिभागी व शोधार्थी लाभ उठा रहे हैं। सतत ऊर्जा भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान जरूरतों को पूरा करता है। कोऑर्डिनेटर डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कोई भी औद्योगिक वेस्ट अक्षमता पैदा करता है चाहे वह मानव प्रतिभा, प्रयास या अनावश्यक सामग्रियों के परिवहन की बर्बादी हो, सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग इनको स्थिरता देता है। संचालक डॉ रवि कुमार ने ट्रेनिंग में भाग लेने वाले प्रतिभागियों, विशषज्ञों व अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
क्या है इंडस्ट्री 4.0
इंडस्ट्री 4.0, चौथी औद्योगिक क्रांति है जिसमें नवीनतम स्मार्ट तकनीक के साथ पारंपरिक विनिर्माण और औद्योगिक प्लेटफार्मों और प्रथाओं का संयोजन शामिल है। यह मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की तैनाती में वृद्धि, ऑटोमेशन, बेहतर संचार और आत्म-निगरानी के साथ-साथ स्मार्ट मशीनों का उपयोग करता है जो बिना मुद्दों का विश्लेषण और निदान कर सकता है।