पहले लगाई गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी और अब करेंगे कार्य मुक्त
बीकानेर । बीकानेर जिले के शिक्षकों को जल्द ही गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति मिल जाएगी हाल ही में राजस्थान सरकार (शिक्षा विभाग ग्रुप 2) के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने राज्य के समस्त जिला कलेक्टर्स को आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के संबंध में जारी राजकीय निर्देशों के अतिरिक्त शिक्षकों की अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी नहीं लगाई जाए। इस संबंध में बीकानेर प्रशासन आदेश की पालना करते हुए 8 जून से शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से कार्य मुक्त कर देगा।
सूत्रों के मुताबिक कोविड 19 को लेकर अनेक शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा रखी है। इनमें कई ऐसे शिक्षकों की भी ड्यूटी लगा रखी है जो उच्च रक्तचाप, डायबीटीज, अस्थमा आदि रोगों से पीड़ित है। साथ ही ऐसे शिक्षक भी है जो रिटायरमेंट के करीब है। कहीं कोरोना वायरस की चपेट न आ जाए इस भय से चिंतित इन शिक्षकों ने जिला प्रशासन को कोविड 19 से सम्बद्ध कामों में ड्यूटी न लगाने के लिए आवेदन भी कर रखा है, लेकिन जिला प्रशासन ने इन शिक्षकों की दलीलों को दरकिनार करते हुए इन्हें ऐसे कार्यों में लगाए रखा। इसे लेकर शिक्षक संगठन भी विरोध जता चुके हैं। हैरत की बात तो यह है कि एक तरफ सरकारें बुजुर्गों व शुगर, अस्थमा आदि रोगों से पीड़ितों को घर में रहने को लेकर बड़े जोर शोर से प्रचार प्रसार कर रही हैं वहीं दूसरी ओर खुद उनके अधिकारियों ने ही इन रोगों से पीड़ितों की ड्यूटी श्रमिक ट्रेनों को लेकर रेलवे स्टेशनों पर, होम क्वांरेंटाइन की जांच आदि कोरोना से जुड़े कार्यों में लगा रखी है। बीते 5 जून को मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने एक आदेश जारी कर आरटीई कानून का हवाला देते हुए शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाने की बात कही है। यहां भी हैरानी की बात यह है कि जब पहले से ही इस कानून का प्रावधान है तो फिर सरकार अपने बनाए कानून के इतर फैसला कर शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में क्यों लगा रही है। पहले ड्यूटी लगाना और फिर कार्य मुक्त करना ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने खुद ही आरटीई कानून को मजाक बना कर रख दिया है।
इनका कहना है
कल तो संडे है। मंडे से सरकार के आदेश के अनुसार गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे शिक्षकों को कार्य मुक्त करेंगे। – ए एच गौरी, एडीएम, बीकानेर