शोभासर जलाशय से 17 जून तक की जा सकती जलापूर्ति, 15 जून को नहर से फिर से मिलना शुरू हो जायेगा पानी
– डब्ल्यू एच.ओ.के मानदण्डों के अनुसार हो पानी की आपूर्ति -गौतम
– शोभासर जलाश्य का किया निरीक्षण
बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने गुरूवार को नहरबंदी के दौरान शहर में पेयजल की आपूर्ति के संबंध में शोभासर स्थित जलाश्य का निरीक्षण किया और अधिकारियोें को पेयजल की गुणवता पर नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जलाश्य का गाड़ी में बैठकर निरीक्षण किया और इसमें नहर से पहुंच रहे पानी की प्रक्रिया के बारे में जाना।
गौतम ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियन्ताओं के साथ जलाश्य का निरीक्षण किया और निर्देश दिए कि पेयजल के लिए संरक्षित पानी स्वच्छ रहे इसके लिए सभी तकनीकी उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने जलाश्य के जलशोधन विंग तथा फिल्टर हुए पेयजल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ली और कहा कि उपलब्ध पानी की सप्लाई से पूर्व उसकी गुणवता की जांच नियमित की जाए। आवश्यक दवा का छिड़काव जरूरत हो,तो वह किया जाए। उन्होंने कहा कि नहरबंदी के दौरान शहर में पेयजल आपूर्ति की प्लानिंग इस तरह तैयार करें,जिससे आमजन को पानी की दिक्कत न हो।
जिला कलक्टर पानी की गुणवता की जांच के लिए नियमित सैम्पल लेने के निर्देश दिए और कहा डब्ल्यू एच ओ द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार ही शहर में पेयजल की आपूर्ति की जाए।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियन्ता जलदाय दीपक बंसल ने बताया कि शोभासर जलाशय से 1 जून की शाम से शहर में पानी सप्लाई के लिए पानी लिया जा रहा है। वर्तमान में इस जलाशय में 5 मीटर पानी है, जो 17 जून तक आपूर्ति की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस जलाशय को नहर से 15 जून को पानी मिलना वापिस प्रारंभ हो जायेगा। उन्होंने बताया कि पानी की शुद्धता पर पूरी निगरानी रखी जाती है। नियमित पानी के नमूने लिए जा रहे हैं। प्रयोगशाला में पेयजल की शुद्धता जांचने के बाद ही आपूर्ति की जाती है।
शहर नथानिया गौशाला का निरीक्षण- जिला कलक्टर ने शहर नथानिया गौशाला का औचक निरीक्षण किया और इसके प्रबंधक को गायों को छाया और पानी उपलब्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौशाला में निर्माणाधीन टीनशैड के कार्य की गति पर नाराजगी जताई और निर्देश दिए की आगामी दो दिनों में टीनशैड का निर्माण हो जाना चाहिए। जब तक इनका निर्माण नहीं हो जाता है, अच्छी क्वालिटी के टैंट लगाने का प्रबंध किया जाए। इसके लिए लैबर की संख्या बढ़ाकर, इस कार्य को शीघ्र पूरा करवाया जाए। एक भी गाय बिना छाया और पेयजल से वंचित ना रहे। एक भी गाय खुले आसमान (धूप) में नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने गायों के चारे के लिए तैयार की जा रही खेैळी का भी निरीक्षण किया। पशुचारा की गुणवता बारे में जानकारी ली।
पशु ट्रोमा सेन्टर का निरीक्षण- गौतम ने गौशाला में अस्वस्थ गायों के लिए बनाए गए पशु ट्रोमा का अवलोकन किया और उपचाराधीन गायों की चिकित्सा के बारे में मौजूद डाॅक्टर से जानकारी ली। उन्होंने गायों के लिए ठण्डा वातावरण रखने के लिए कूलरों की संख्या बढाने के निर्देश दिए और कहा कि कूलर में करंट जांच आवश्यक रूप से करवाई जाए। उन्होंने यहां मृत गायों के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए मृत गायों का पोस्टमार्टम आवश्यक रूप से करवाया जाए। प्रबंधक ने बताया कि गायों के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे है। वर्तमान में इस गौशाला में 1486 गायों को रखा गया हैं।
जिला अस्पताल में एक यूनिट अलग से कार्य प्रारंभ होगा
- जिला कलक्टर गौतम इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचे और यहां चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गौतम ने बताया कि जिला अस्पताल में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीबीएम अस्पताल की एक यूनिट की स्थापना की जाएगी ताकि जिला अस्पताल की आधारभूत सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा स्थानीय नागरिकों को और बेहतर मिल सके। उन्होंने गुरुवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद अस्पताल के प्रभारी डॉ बीएल हटीला को कहा कि वे जरूरत के मुताबिक बता दें कि वर्तमान में उन्हें किस विभाग की यूनिट की आवश्यकता अधिक है ताकि उस हिसाब से प्राचार्य मेडिकल कॉलेज को पूरी यूनिट ही अस्थाई रूप से यहां स्थापित की जा सके।
उन्होंने जिला अस्पताल के सभी वार्ड देखें । वहां भर्ती शिशु और उनके साथ आई उनकी माताओं से भी बातचीत की । उन्होंने एक बच्चे के साथ आई उसकी मां से बच्चे स्वास्थ्य के बारे में पूछा और कहा कि क्या हो गया था । इस पर माता ने बताया कि पीलिया की बीमारी से बच्चा ग्रसित है।
उन्होंने पीलिया की बीमारी से ग्रसित बच्चे को देखने के बाद पीएमओ डॉक्टर हटीला को निर्देश दिए कि बच्चा जब ठीक हो जाए उसके बाद अस्पताल से छुट्टी देते समय इसे घर ना भेजकर पीबीएम अस्पताल में स्थापित कुपोषित बच्चों के लिए बने एमटीसी सेंटर में स्थानांतरित किया जाए। इस सेन्टर में बच्चे और उसकी मां को बेहतर भोजन और न्यूट्रेशन सामग्री देने की व्यवस्था है। उन्होंने इस दौरान वार्डों से भर्ती रोगियों से उपचार के बारे में बातचीत की और उन्हें दी जा रही दवाईयों की उपलब्धता के बारे जानकारी ली।