क्वांरेंटाइन वालों के लिए मांगी मिठाई, भुगतान मांगा तो आंख दिखाई
बीकानेर। क्वारेन्टाइन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे संक्रमितों को सुबह के नाश्ते से लेकर रात तक खाने में सांगरी,मटर पनीर की सब्जी,छेने व देशी घी की मिठाई का एक पीस,दो सादे पराठे,मिक्स अचार,पापड़ सहित बिस्कुट सहित अनेक प्रकार की वैरायटी की व्यवस्था करवाना। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई। सुनने में अजीब लगता है,लेकिन कुछ ऐसे ही फरमान नगर विकास न्यास की ओर से क्वारेन्टाइन सेन्टरों के रूप में लिये गये होटलों को दिए गये। मजे की बात तो ये है कि इस फरमाईश के बाद आज तक उनका भुगतान तक नहीं किया गया। जबकि एक क्वारेन्टाइन सेन्टर का बिजली का बिल नहीं भरने पर कनेक्शन तक काट कोढ़ में खाज का काम किया गया। जिसको लेकर होटल व्यवसासियों में रोष है। इसको लेकर होटल कारोबारियों ने एक प्रेस वार्ता कर सरकार के सामने अपनी पीड़ा जाहिर की। होटल उद्योग उत्थान संस्थान के सचिव डॉ डॉ. प्रकाश चन्द्र ओझा ने बताया कि कोविड 19 की महामारी से हर व्यवसाय प्रभावित हुआ है और उनकी पीड़ा को समझते हुए राज्य सरकार ने अनेक प्रकार की छूट व परिलाभ भी दिए है। लेकिन होटल व्यवसाय का उद्योग का दर्जा मिलने के बाद भी अन्य उद्योगों की तर्ज पर होटल व्यवसासियों को कोई राहत नहीं दी जा रही है। जिससे होटल व्यवसाय को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए की वे हमारी जायज मांगों की ओर ध्यान देकर बर्बादी की राह पर चल रहे होटल व्यवसाय का संजीवनी प्रदान करें। प्रेस वार्ता में संरक्षक डी पी पचीसिया, कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल,संयुक्त सचिव अजय मिश्रा, मोन्टू सोढ़ा, आदिल सोढ़ा आदि भी मौजूद रहे।
बीकानेर में नहीं किये मापदंड तय
ओझा ने बताया कि दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के अनेक जिलों में जिला प्रशासन की ओर से होटल व्यवसायियों की एक समिति बनाकर क्वारेन्टाइन सेन्टरों का किराया व सेन्टरों पर रहने वालों के खाने-पानी की व्यवस्था के बारे में तय किया गया था। किन्तु बीकानेर में ऐसा कुछ नहीं किया गया। जिसके चलते सभी क्वारेन्टाईन सेन्टरों के भुगतान बकाया चल रहे है। जबकि इस बारे में एसोसिएशन ने तीन बार जिला प्रशासन को अवगत भी करवाया। फिर भी प्रशासन की ओर से सकारात्मक जबाब अब तक नहीं दिया गया। ओझा ने बताया कि पिछले दो महिनों में होटल व्यवसाय को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
ये है मांगे
1. राज्य सरकार द्वारा होटल व्यवसाय को उद्योग का दर्जा मिला हुआ है लेकिन अन्य उद्योगो की तरह मिलने वाले छूट का लाभ होटल उद्योग को नहीं मिल रहा है,छूट के लाभ में प्रमुख तौर पर विद्युत बिलों में मिलने वाले छूट का लाभ हैं अगर यह सुविधा राज्य सरकार हमें दे देती हैतो इसका लाभ होटल व्यवसायी के साथ-साथ होटलों में आने वाले आगन्तुकों को भी मिल सकता है।
2. कोविड-19 महामारी के बाद से होटल व्यवसाय पूर्णतया बंद है लेकिन बिजली कम्पनियां फेक्टर चार्ज,फ्यूल चार्ज तथा फेक्टर चार्ज जोड़कर बिल भेजे गये है जो न्याय संगत नहीं
3. जीएसटी/सीजीएसटी तथा अन्य स्थानीय करों का इस वित्त वर्ष के अन्त तक स्थगित करना
4. बैंक ऋ णों, किसी तरह से अन्य ऋ णों की ई.एम.आई इस वित्त वर्ष के अन्त तक ब्याजमुक्त कराना, यही सुविधा ओवर ड्राफ्ट लिमिट तथा सी.सी. लिमिट में देना
5. एमएसएमई जैसे ऋण तथा पुन: होटल संचालन तथा कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु द्वि-वार्षिक ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराना
6.अधिकृत क्वारेन्टाइन सेन्टरों का भुगतान करवाना
7. स्थानीय प्रशासन जैसे पुलिस, ट्रैफि क पुलिस द्वारा बाहर से आने वाले पर्यटक वाहनों तथा अन्य संबधित विभागों द्वारा उन्हे सहयोग करना
8. नगर निगम बीकानेर द्वारा स्थित होटलों से सम्पर्क कर मार्ग निर्धारण कर कचरा संग्रहण वाहन तय समय पर होटलों से कचरा संग्रहण कर शहर को साफ रखने में मदद करना
9. लगभग 12 महीने पानी की सप्लाई की कमी रहती है। होटल व्यवसायी नियमित रूप से अधिक भुगतान देकर पानी में टैंकर द्वारा अपनी आपूर्ति सुचारू करवाना
10. पर्यटक स्थलों को सुचारू रख नये पर्यटक स्थल जैसे लैला मंजनू की मजार, अनूपगढ़ का विकास हो तो पर्यटक एक रात्रि अधिक बीकानेर में रूकेंगे तथा उसका फायदा होटलों के साथ-साथ बीकानेर को भी मिलेगा। देखें वीडियो