सेवा के जज्बे से दिव्यांशी राठौड़ बनीं नन्ही कोरोना योद्धा
बीकानेर। कोरोना वायरस जहां दुनिया में मौत बांट रहा है वहीं कुछ लोगों का अदम्य साहस कोरोना के खतरे के बीच जिंदगी बांट रहा है। देश में ऐसे साहसी और उत्साही लोग नहीं हो तो हम कब के कोरोना से जिंदगी की लड़ाई हार चुके होते। एक ओर सांसे छीनता कोरोना का संक्रमण वहीं दूसरी ओर भूख का तांडव इंसान को बुरी तरह से तोड़ने में जुटा है। देश में संक्रमण को मात देने में मेडिकल स्टाफ जुटा है। वहीं दूसरे मोर्चे पर भूख को मिटाने में सेवादारों की फौज बहादुरी से डटी हुई है। इस फौज में बड़े ही नहीं वरन् नन्हे सिपाही तक शामिल है। बीकानेर में भी ऐसी ही एक नन्ही सिपाही जो अपने सेवा के जज्बे से खुद जरूरतमंदों तक पहुंच रही है। इस नन्ही सिपाही का नाम है दिव्यांशी राठौड़। पिता अरविंद सिंह राठौड़ के साथ निकल पड़ती हैं उन इलाकों में जहां खाली पेट भोजन की बाट जोह रहे होते हैं। दिव्यांशी के नन्हे हाथ जब सब्जी बांट रहे होते हैं तब गरीब की आत्मा उसे परमात्मा मान बैठती है। गरीब उस सहायता को प्रसाद के रूप में स्वीकार कर पेट की आग बुझाने में लग जाता है। जैसे जैसे सब्जी पेट में जाती है वैसे वैसे सब्जी का एक एक कतरा सहायता देने वाले की जुग जुग जियो की कामना करता है।
दिव्यांशी कहती है कि मदद करने में जो सुखद अनुभूति होती है उसे शब्दों में गढ़ना मुश्किल है। वह बताती हैं कि आपने एक बार किसी की निस्वार्थ भाव से मदद कर दी तो समझों जीवन का लक्ष्य मिल गया। दिव्यांशी के इन विचारों एवं सेवा के जज्बे को रक्षा द सेवियर संस्था ने उसे कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया है। यह सम्मान पत्र और बचपन से ही मिले सेवा के संस्कार निश्चित रूप से दिव्यांशी को जिंदगी भर प्रेरित करते रहेंगे।
सेवा में रहती है सबसे आगे
12 वर्षीय रक्षा द सेवियर की नन्ही सिपाही दिव्यांशी राठौड़ बीकानेर की माही स्कूल की पांचवीं कक्षा की छात्रा है। दिव्यांशी में देश प्रेम का जज़्बा काबिले तारीफ है। यूं तो स्कूल, घर व धार्मिक कार्य में हमेशा आगे रहती ही है, लेकिन हाल ही में लाॅक डाउन के दौरान कोविड 19 जैसी महामारी में भी अपने पिता अरविंद सिंह राठौड़ के साथ जन सेवा में बराबर नजर आई। जब जब हम बीकानेर की जनसभा में आए दिव्यांशी हमारे साथ सेवा भाव में सब से आगे रहती है। रक्षा द सेवियर का समस्त रक्षा परिवार दिव्यांशी राठौड़ के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।
– श्रीमती इंदू राजपूत, राष्ट्रीय अध्यक्ष, रक्षा द सेवियर