इसलिए देश में पैंतीस प्रतिशत तक फल सब्जियां हो जाती हैं खराब
बीकानेर। गृह विज्ञान महाविद्यालय द्वारा ‘कोरोना महामारी में फसल कटाई पश्चात् संरक्षण हेतु उचित प्रबंधन तकनीक’ विषयक वेब संगोष्ठी बुधवार को आयोजित हुई। अध्यक्षता स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने की।
कुलपति ने कहा कि फलों और सब्जियों के उत्पादन की दृष्टि से हमारा देश, विश्व में दूसरे स्थान पर है। इसके बावजूद पर्याप्त भंडारण की कमी और कटाई उपरांत संरक्षण सुविधाओं के अभाव में तीस से पैंतीस प्रतिशत फल और सब्जियां उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाते हैं। यह अत्यंत चिंताजनक है। इसका समुचित उपयोग हो जाए, तो किसानों को भरपूर लाभ मिल सकता है। इसके लिए कृषि उत्पादों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, वितरण, विपणन एवं उपयोग की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वेब संगोष्ठी जैसे नवाचारों के माध्यम से किसानों को भरपूर लाभ होगा।
प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस. के. शर्मा ने कहा कि फल या सब्जियों के खराब होने की बजाय उन्हें बचाना अधिक सुविधाजनक एवं सस्ता होता है। उन्होंने कहा कि मूल्य संवर्धन आज के दौर की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. विमला डुकवाल ने कहा कि किसानों से नियमित संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। इस श्रृंखला में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा किसानों को मार्गदर्शित किया जाएगा। कृषि व्यवसाय प्रबंधन संस्थान की निदेशक प्रो. मधु शर्मा ने कृषि के व्यावसायिक प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रसार शिक्षा उपनिदेशक डाॅ. राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि किसानों को उत्पादन का शत-प्रतिशत मूल्य मिले, इसके साझा प्रयास करने होंगे। डाॅ. ममता सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा संगोष्ठी का संचालन किया। संगोष्ठी में कृषि वैज्ञानिक, एंतरप्रेन्योर, किसान, विद्याथी आदि ने भागीदारी निभाई।
ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित


कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा ‘मूंगफली में सफेद लट प्रबंधन’ विषयक आॅनलाइन प्रशिक्षण बुधवार को आयोजित हुआ। पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. बी. एस. मिठारवाल ने सफेद लट के लिए बीजोपचार, जैविक एवं रासायनिक विधियों द्वारा रोकथाम के अलावा मूंगफली से संबंधित कीट व बीमारियों के समाधान की जानकारी दी। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. एम. एल. रैगर ने मूंगफली में बुवाई की उन्नत विधियां, उचित बीज दर, बुवाई के उचित समय, सिंचाई प्रबंधन, खाद एवं उर्वरक प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन आदि पर प्रकाश डाला। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. दुर्गासिंह ने मुंगफली की पैदावार बढ़ाने के उपाय बताए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
परीक्षा परिणाम घोषित