30 जून तक जनजीवन पूर्णरूपेण सामान्य होने की संभावना
बीकानेर। ज्योतिष के अनुसार नवग्रह बतलाए गए हैं। सूर्य, चंद्रमा, मंगल, राहु, बृहस्पति, शनि,बुध केतु एवं शुक्र वक्री मार्गी अलग-अलग राशि में विचरण करते हैं। ग्रहों का वक्री होना उनकी आक्रामक स्थिति दर्शाता है। मंगल, बृहस्पति,सनी, बुध एवं शुक्र वक्री मार्गी होते हैं। राहु केतु छाया ग्रह है। यह जिस राशि में होते हैं उसी के स्वामी के अनुरूप कार्य करते हैं। सूर्य एवं चंद्रमा कभी वक्री मार्गी नहीं होकर अपने समयानुसार अवधि तक 1-1 राशि पर विचरण करते हैं।
सूर्य संक्रांति 1 मास यानी एक माह एक राशि पर विचरण करता है। चंद्रमा प्रत्येक राशि पर सवा 2 दिन तक रहता है। सूर्य एवं चंद्रमा का वक्री एवं मार्गी नहीं होना सृष्टि संचालन की व्यवस्था को बरकरार रखता है जिसके कारण ऋतु परिवर्तन आदि यथावत रहते हैं अन्यथा भौगोलिक व्यवस्था चरमरा जाती है। यह ईश्वरीय देन ही कहा जावेगा। ग्रहण काल में पशु पक्षी चर अचर नदी नाले एवं मानव पर प्रभाव डालते हैं जबकि वह घटना अल्प समय की होती है। मंगल सनी का आमने-सामने होना या एक साथ होना विश्व समुदाय के लिए खतरनाक होता है। आगजनी भूकंप,भूस्खलन बाढ़,अतिवृष्टि, अनावृष्टि, ज्वालामुखी एवं शत्रु देशों में युद्ध का वातावरण बनता है। कोरोना संकट भी इसी का परिणाम है मंगल 18 जून 20 को मीन राशि में आएगा एवं बुध 30 जून 20 को धनु में वक्री होगा। शुक्र 13 मई को वक्री होकर 25 जून को वृष राशि में मार्गी होगा।
प्रवासी आवागमन एवं 21 जून को ग्रहण काल तक यह भयावह स्थिति रहेगी। अंततोगत्वा 30 जून तक जनजीवन पूर्णरूपेण सामान्य होने की संभावना है।
ग्वाल दास व्यास एडवोकेट लालानी व्यास चौक बीकानेर मो. 93512 00744