रेलमंत्री से हमें परिवार जैसा सहयोग मिलता है- बैरवा
बीकानेर। ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे एम्पलॉइज एसोसिएशन का जोनल वार्षिक अधिवेशन रविवार को रेलवे स्टेडियम में होने जा रहा है। एसोसिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं जोनल सचिव बी.एल. बैरवा बीकानेर के रेलवे स्टेडियम में अधिवेशन की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष से राजेश रतन व्यास ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत्त के संपादित अंश-

सवाल : आपका बीकानेर आने का उद्देश्य?
जबाव: यहां हमारी एसोसिएशन का वार्षिक अधिवेशन है। इस बार बीकानेर में हो रहा है। पिछली बार जोधपुर में हुआ था। इस दौरान एनडब्ल्यूआर पूरे राजस्थान क्षेत्र के डेलीगेट्स कार्यक्रम में भाग लेंगे। केन्द्रीय कार्यकारिणी भी आएगी। दूसरे जोन के जोनल प्रेजिडेंट, सेकेरेटरी भी पधारेंगे।
सवाल : आपकी यूनियन की वर्तमान में प्राथमिकता क्या है?
जवाब: हमारी एसोसिएशन द्वारा भारत सरकार के एससी-एसटी वर्ग के हित में जो कानून है उसे लागू करवाना है। भारतीय संविधान में एससी एसटी जाति के हित में जो नियम बने हुए है उन्हें इम्पलीमेंट करवाना और इस वर्ग के साथ आए दिन जो एट्रोसिटी होती है उसके खिलाफ आवाज उठाना है। बाबा साहब के सपने के लिए संघर्ष करते रहते हैं। इस अधिवेशन में हम भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलवाएंगे। इस मौके पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
सवाल : आपकी एसोसिएशन का रेलवे प्रशासन के साथ समन्वय कैसा है और लास्ट महत्वपूर्ण वार्ता क्या हुई?
जवाब: हमारी एसोसिएशन का मुख्य काम भारत सरकार की नीति को लागू करवाना और अधिकारियों का भी यही काम है। रेल प्रशासन का भी यही काम है। एक तरह से हम लोग रेल प्रशासन के सहायक का काम करते है। उनसे जहां चूक हो रही है, लेप्सेज हो रहा है। जहां कानून लागू नहीं हो रहा है। उसे लागू करवाने का काम करते हैं। इस बारे में अभी 20 नवम्बर को हमारे रेल मंत्रालय में सेंट्रल कमेटी की बैठक में स्टाफ, अधिकारी आदि मौजूद थे वहां भी इन मुद्दों पर बात की।
सवाल : आपकी एसोसिएशन का अगले 2-5 साल का रोड मैप क्या है?
जवाब: अभी कुछ सालों से आपने देखा होगा हमारी एसोसिएशन को दोहरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। एक जो कानून में पक्ष में लागू करवाना और ऐसे बहुत सारे विषय जिन पर कानून बनाने की मांग हमारी एसोसिएशन करती रही है। जिनमें प्रइवेट सेक्टर में रिजर्वेशन की मांग है वो इसलिए है कि धीरे-धीरे सरकारी विभाग जो है कामकाज है उसका अव शोषण होने लगा है। प्राइवेटाइजेशन होने लगा है। इस प्रकार हमारे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग है उनके आरक्षण के साथ में आरक्षण का क्षेत्र भी सीमित होने लगा है। हमारी मांग है कि प्राइवेट सेक्टर में रिजर्वेशन हो और दूसरा भारतीय संविधान में इंडियन रेलवे ज्यूडिशियल सर्विस का प्रावधान है, लेकिन आजादी से लेकर अब तक इंडियन रेलवे ज्यूडिशियल सर्विस का गठन नहीं किया गया है। हमारी मांग है कि इसका गठन हो ताकि वहां पर भी एससी व एसटी का रिप्रजेंटशन हो और लोगों को न्याय मिल सके। ऐसे तमाम तरह के इश्यू है। जैसे हमारे आम इश्यू है वेतन आयोग के बार में, ओल्ड पेंशन स्कीम के बारे में। ये हमारे एजेंडे में है और आगे भी है।
सवाल : इन मांगो के लिए आपकी एसोसिएशन क्या कदम उठा रही है?
जवाब: हम लोगों ने पहले भी अखिल भारतीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए है। धाना, प्रदर्शन, रेली, महारैली किए। ये आगे भी करेंगे, लेकिन हमारा सौभाग्य है कि देश के कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल हमारी एसोसिएशन के संरक्षक है। उनके माध्यम से भी हमने इन तमाम तरह के मुद्दों को उठा रखा है। मुद्दों को सरकार के सामने रखा है। आगे भी रखेंगे। सरकार में बात करेंगे। फिर सड़क की लड़ाई, न्यायालय की लड़ाई दोनों ही काम आगे भी चलते रहेंगे जैसे प्रमोशन में रिजर्वेशन लगभग खत्म हो गया, लेकिन हमारी एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल की। इसका नतीजा वह रहा कि आज रेलवे में प्रमोशन में आरक्षण पूरी तरह से लागू हो रहा है जो लोग सीनियरटी से आ रहे है उन्हें सीनियरटी से मिल रहा है और रोस्टर वालों को रोस्टर से प्रमोशन मिल रहा है। अन्य विभागों में ऐसा नहीं है। एक तरह से हमारी एसोसिएशन देश में सबसे बड़ा संगठन है जो अपने हक की लड़ाई तो लड़ती ती है, लेकिन अन्य विभाग मंत्रालयों के तक की लड़ाई भी लड़ती है।
सवाल : इस अधिवेशन में कहां-कहां से और कितने लोगों के आने की संभावना है?
जवाब: यह उत्तर पश्चिम रेलवे का जोनल चार्षिक अधिवेशन है। इसमें उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी मंडल जयपुर जोधपुर, बीकानेर, अजमेर मंडल तथा अजमेर, जोगपुर, बीकानेर कारखाना, जयपुर मुख्यालय के लोग, उदयपुर के लोग, हमारी ब्रांचों के हजारों लोग यहां आएंगे। यहां संविधान दिवस पर केन्द्रीय कार्यकारिणी को भी बुलाया है। मैं जोनल सैक्रेट्री भी है। दूसरे जोन के जोनल सेक्रेटरी भी पधार रहे हैं। मेरा मानना से यह अधिवेशन एतिहासिक होगा और सफल होगा।
सवाल : राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपनी एसोसिएशन को क्या संदेश देंगे?
जवाब : हमारे सदस्य हैं और आम लोग को भी हमारा संदेश है कि बढ़ता हुआ प्राइवेटाइजेशन उसमें जैसे बीएसएनएल का हाल हुआ था, एक इतना बड़ा कैडर था। उस दिशा में हमारी रेलवे भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। हमने रेल मंत्री के सामने बात रखी थी। निगमीकरण करने की तैयारी थी जो रूक गया। इसके अलावा कुछ ट्रेन प्राइवेट सेक्टर को दी जा रही थी, लेकिन जब हमने इसकी रेल मंत्री व सरकार के सामने बात रखी तो फिलहाल वो रूका हुआ है। हमारा प्रयास है कि निगमीकरण और निजीकरण के खिलाफ लड़ाई को जारी रखेंगे। यदि हमारे मैम्बर्स से यही कहना है जब तक हम एकजुट नहीं होंगे सफल नहीं होगे।
सवाल : रेल मंत्री का आपकी एसोसिएशन के साथ कैसा रूख है?
जवाब : मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव हमारी एसोसिएशन को परिवार का सदस्य मानते हैं और हम लोगों को रेलवे इतिहास में पहली बार रेल मंत्रालय में महसूस होता है कि कोई हमारी सुनने वाला है। हमारे लिए 24 घंटे दरवाजे खुले रखते हैं। हमारी बात भी सुनते हैं और उस पर काम भी करते हैं। मेरी लाइफ में ऐसा पहला रेल मंत्री है जो ट्रेक पर स्वयं उतर कर देखता है। कमियों की ओर व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करता है। यह सौभाग्य है कि वे राजस्थान से हैं। राजस्थान पर विशेष फोकस है। रेलमंत्री का कानून मंत्री से सौहार्दपूर्ण संबंध है। उसका लाभ भी हम लोगों को मिलता है। वर्तमान रेलमंत्री के सानिध्य में रेल का विकास हो रहा है। स्टेशन रिडवलपमेंट के काम हो रहे हैं। वंदेभारत जैसी आधुनिक ट्रेनों का संचालन अच्छी सोच का परिणाम है।

