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उरमूल ट्रस्ट की ओर से मीडिया कार्यशाला : बंधुआ मजदूर या मानव तस्करी को बारीकी तत्वों से पहचानना जरुरी

बीकानेर। बंधुआ मजदूरी के कानूनी पहलूओं पर उरमूल ट्रस्ट की ओर से मीडिया कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया। ट्रस्ट बीते 39 सालों से पश्चिमी राजस्थान में कार्यरत है और मुख्यत: सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े, गरीब एवं दलित वर्ग एवं दूर दराज के सुविधाविहीन गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पशुपालन पेयजल, लोगों की आजीविका और जागरुकता से जुड़े मुद्दों पर काम करता है।
ट्रस्ट की ओर से सचिव रमेश सारण ने मीडिया कार्यशाला में कहा कि ट्रस्ट द्वारा फील्ड में जागरुकता कार्यक्रम किया जाता है ताकि अगर किसी प्रकार का कोई तत्व पाया जाता है तो उस मजदूर की मदद की जाती है साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सके। उन्होंने बताया कि मीडिया का भी इस मामले में महत्वपूर्ण योगदान है।
जयपुर से पधारी लीगल कंसल्टेंट सोरेन ने बताया कि बंधुआ मजदूर या मानव तस्करी को बारीकी तत्वों को पहचानना जरुरी है ताकि उसकी मदद कर सके। उन्होंने कानूनी पहलूओं के बारे में भी विस्तार से बताया।
परियोजना प्रबंधक चेनाराम बिश्नोई ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि वर्तमान में संस्था द्वारा बंधुआ मजदूरी की रोकथाम एवं जागरुकता का कार्य किया जा रहा है।

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