रेल सेवाओं के विस्तार को लेकर जेडआरयूसीसी–डीआरयूसीसी सदस्यों ने मंत्री मेघवाल को सौंपे सुझाव
रेलवे GM और DRM की मौजूदगी में बीकानेर मंडल की समस्याओं व नए प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा

बीकानेर। जेडआरयूसीसी सदस्य नरेश मित्तल, अनन्तवीर जैन और डीआरयूसीसी सदस्य द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, रेलवे महाप्रबंधक अमिताभ तथा मंडल रेल प्रबंधक गौरव गोविल से मुलाकात कर बीकानेर क्षेत्र में रेल सेवाओं के विस्तार व सुधार को लेकर विस्तृत सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में बताया गया कि बीकानेर–दिल्ली के बीच संचालित वंदे भारत एक्सप्रेस के समय में संशोधन कर इसे बीकानेर से आधा घंटा पहले तथा दिल्ली से आधा घंटा देरी से चलाया जाए, जिससे यात्री भार बढ़ेगा और रेलवे राजस्व में भी वृद्धि होगी।
सदस्यों ने मेड़ता क्षेत्र को बीकानेर मंडल में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा। वर्तमान में यह क्षेत्र जोधपुर मंडल में होने से नोखा, नागौर और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों, व्यापारियों और किसानों को रेल संबंधी कार्यों के लिए जोधपुर जाना पड़ता है, जिससे असुविधा होती है।
इसके अलावा प्रयागराज–जयपुर–बीकानेर सुपरफास्ट (12403/12404) को प्रतिदिन बीकानेर से वाया चूरू–फतेहपुर रूट पर संचालित करने की मांग रखी गई। अभी यह ट्रेन तीन दिन झुंझुनू–सादुलपुर–बीकानेर और चार दिन चूरू–रतनगढ़ होकर चलती है।
बीकानेर से कालका/चंडीगढ़ के लिए सीधी ट्रेन का अभाव भी प्रमुख मुद्दा रहा। सदस्यों ने बीकानेर–कालका (वाया चंडीगढ़) नई ट्रेन शुरू करने की मांग की। पूर्व में बाड़मेर से कालका व बाड़मेर से ऋषिकेश के लिए आंशिक सेवाएँ उपलब्ध रही थीं।
बीकानेर–हरिद्वार त्रेसाप्ताहिक ट्रेन को प्रतिदिन चलाने और समय में सुधार करने का सुझाव भी दिया गया।
बैठक में बीकानेर में घोषित ड्राई पोर्ट की क्रियान्विति तेज करने पर भी जोर दिया गया। सदस्यों ने कहा कि इनलैंड कंटेनर डिपो स्थापित होने से बीकानेर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी, बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, औद्योगिक इकाइयों को निर्यात की सुविधा बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक स्थानीय उत्पाद पहुँच सकेंगे।

