एसकेआरएयू में रबी बीज उत्पादन की समीक्षा बैठक आयोजित
गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन को विश्वविद्यालय की प्राथमिकता बनाएं – प्रो. गर्ग



बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (एसकेआरएयू) में मंगलवार को रबी 2024-25 के बीज उत्पादन की समीक्षा बैठक एनएसपी सभागार में आयोजित हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों तथा किसानों की सहभागिता से किए जा रहे बीज उत्पादन की प्रगति, आगामी सीजन के लक्ष्य और एक्शन प्लान पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। किसानों की मांग के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में बीज उत्पादन सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों का विश्वविद्यालय के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हो। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाए। गुणवत्तापूर्ण बीज से किसानों को तकनीकी रूप से लाभान्वित होने के अवसर बढ़ेंगे और उनकी सहभागिता भी सशक्त होगी।
अनुसंधान निदेशक डॉ. विजय प्रकाश ने बताया कि बीज उत्पादन में गुणवत्ता के साथ-साथ मात्रात्मक वृद्धि पर भी ध्यान देना आवश्यक है। कृषि विज्ञान केन्द्रों पर उत्पादित बीज का समय पर उठाव सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी केवीके और एआरएस अपने निर्धारित लक्ष्यों को गंभीरता से पूरा करें और कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएं। किसानों के लिए प्री-सीजनल रबी एडवाइजरी जारी करने तथा कृषि व पशुपालन विभागों के साथ तकनीकी समन्वय बनाने पर भी उन्होंने जोर दिया।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. नीना सरीन ने कहा कि किसानों तक उन्नत तकनीक और उत्तम बीज पहुंचाने में केवीके की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सभी संबंधित एजेंसियों को अतिरिक्त समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए ताकि बीज वितरण और उत्पादन प्रणाली अधिक प्रभावी बन सके।
इस अवसर पर राष्ट्रीय बीज परियोजना के एडीआर ए. के. शर्मा ने विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के बीज उत्पादन लक्ष्यों और प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने आगामी सत्र के लक्ष्यों से संबंधित प्रतिवेदन भी पेश किया।
बैठक में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. पी. के. यादव, डॉ. एन. के. शर्मा, डॉ. वीर सिंह, डॉ. एच. एल. देशवाल, डॉ. आर. एस. राठौड़ सहित अन्य डीन, डायरेक्टर्स, कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रभारी व अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जे. के. तिवाड़ी ने किया।