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गोचर नहीं तो गाय नहीं, गाय नहीं तो हम नहीं : मास्टर डवलपमेंट प्लान 2043 के खिलाफ पचीसिया ने जताई आपत्ति, विधायक को सौंपा ज्ञापन

बीकानेर, 16 सितम्बर।
बीकानेर रीजन मास्टर डवलपमेंट प्लान 2043 में गोचर भूमि को आवासीय, पब्लिक यूटिलिटी और ग्रीनरी उपयोग हेतु दर्शाए जाने के विरोध में बीकानेर जिला उद्योग संघ ने आपत्ति दर्ज करवाई है।

संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराडू ने पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास को आपत्ति पत्र सौंपते हुए कहा कि भीनासर, गंगाशहर एवं शरह नथानिया की समस्त गोचर भूमि को मास्टर प्लान में गलत ढंग से परिवर्तित कर दिया गया है। जबकि भीनासर की लगभग 5200 बीघा भूमि को बीकानेर स्टेट काल में बंशीलाल राठी ने मात्र 1000 रुपये राजकोष में जमा करवाकर गायों के चरने हेतु छुड़वाया था। यह भूमि सरकार द्वारा नहीं बल्कि दानदाता द्वारा अपने संसाधनों से गौचर के लिए सुरक्षित करवाई गई थी।

उन्होंने कहा कि राजस्थान लैंड रेवेन्यू एक्ट 1956, राजस्थान टेनेन्सी एक्ट 1955 और राजस्थान उच्च न्यायालय के अनेक निर्णयों में यह स्पष्ट किया गया है कि गोचर भूमि का उपयोग केवल पशुओं के चरने के लिए ही किया जा सकता है। इसके बावजूद बीकानेर विकास प्राधिकरण ने 26 अगस्त 2025 को प्रकाशित सूचना में इस भूमि को आवासीय, सार्वजनिक और ग्रीनरी उपयोगार्थ दर्शा दिया है, जो विधि के प्रतिकूल है।

पचीसिया ने बताया कि मुख्य नगर नियोजक विभाग ने 12 दिसम्बर 2024 को जारी सूचना में गोचर भूमियों को उनके मूल स्वरूप में ही दर्शाया था, लेकिन अब संशोधित मास्टर प्लान में बदलाव कर दिया गया है, जिससे गोचर संरक्षण समितियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

विधायक जेठानंद व्यास ने इस संबंध में सभी पहलुओं का उचित अवलोकन करने और समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर हनुमान झंवर, किशनलाल चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

प्रमुख फैक्ट्स : गोचर भूमि विवाद

  1. मास्टर प्लान 2043 में बदलाव –
    भीनासर, गंगाशहर और शरह नथानिया की गोचर भूमि को आवासीय, पब्लिक यूटिलिटी और ग्रीनरी उपयोग हेतु दर्शाया गया है।
  2. दानदाता द्वारा छुड़वाई गई भूमि –
    भीनासर की करीब 5200 बीघा भूमि को बंशीलाल राठी ने बीकानेर स्टेट काल में 1000 रुपये जमा कराकर गायों के चरने हेतु छुड़वाया था।
  3. कानूनी प्रावधान –

राजस्थान लैंड रेवेन्यू एक्ट 1956

राजस्थान टेनेन्सी एक्ट 1955

राजस्थान उच्च न्यायालय के अनेक निर्णय
इन सबमें स्पष्ट है कि गोचर भूमि का उपयोग केवल गोचर के लिए ही हो सकता है।

प्रतिक्रिया –
गोचर संरक्षण समितियों में आक्रोश।
विधायक जेठानंद व्यास ने उचित अवलोकन कर समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया।

पहले की अधिसूचना –
12 दिसम्बर 2024 को जारी सूचना में गोचर भूमि को गोचर के रूप में ही दर्शाया गया था।

नवीनतम अधिसूचना –
26 अगस्त 2025 की अधिसूचना में बीकानेर विकास प्राधिकरण ने गोचर भूमि को आवासीय, सार्वजनिक और ग्रीनरी उपयोगार्थ दर्शा दिया।

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