प्रकृति बचाओ आंदोलन का धरना ट्री एक्ट बनने तक जारी रहेगा : रामगोपाल बिश्नोई
तेरह महीनों के संघर्ष में तीसरी बार सीएम के साथ सकारात्मक वार्ता, ट्री प्रोटेक्शन एक्ट बनाने का मिला आश्वासन



बीकानेर, 28 अगस्त। पर्यावरण संघर्ष समिति खेजड़ला के तत्वावधान में चल रहा प्रकृति बचाओ आंदोलन अब ट्री प्रोटेक्शन एक्ट बनने तक जारी रहेगा। आंदोलन संयोजक रामगोपाल बिश्नोई ने कहा कि जब तक राजस्थान में पेड़ सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं होगा, तब तक धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा।
ज्ञात रहे कि यह धरना खेजड़ला की रोही में पिछले 407 दिनों से और बीकानेर में 42 दिनों से लगातार जारी है। बुधवार को जयपुर सचिवालय में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ करीब एक घंटे तक चली तीसरी वार्ता में सकारात्मक नतीजे सामने आए। सीएम ने भरोसा दिलाया कि पेड़ों की कटाई रोकने और प्रकृति संरक्षण के लिए शीघ्र ही ट्री प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाएगा।
इससे पहले सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक राज्य मंत्री के.के. बिश्नोई के आवास पर पर्यावरण संरक्षण पर संगोष्ठी हुई। इसमें बिश्नोई समाज, संत समाज और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कानून बनाकर पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जोरदार मांग रखी।
पूर्व वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि जब तक अधिनियम नहीं बनेगा, तब तक समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि समाज अपने विचार क्षेत्रीय विधायकों के माध्यम से विधानसभा में अवश्य रखवाए। लूणी के पूर्व विधायक मलखान सिंह बिश्नोई, नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई और भीलवाड़ा से अमरचंद दिलोइया सहित कई नेताओं ने भी शीघ्र कानून बनाने की मांग की।
शाम को मंत्री के.के. बिश्नोई के नेतृत्व में 70 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सचिवालय पहुंचा, जहां सीएम ने आंदोलनकारियों की बात गंभीरता से सुनी। उन्होंने कहा कि कानून बनने तक पर्यावरणप्रेमियों को सतर्क रहना होगा। सीएम ने बिश्नोई समाज की प्रकृति संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और बलिदानों की खुलकर सराहना की और संत समाज का सम्मान भी किया।
प्रतिनिधिमंडल में राज्य मंत्री के.के. बिश्नोई, पूर्व वन मंत्री सुखराम बिश्नोई, पूर्व विधायक मलखान सिंह बिश्नोई, पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, भाजपा बाड़मेर जिला अध्यक्ष अनंतराम बिश्नोई, श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा संस्था के प्रदेश अध्यक्ष राम रतन बिश्नोई, प्रदेश संस्कृति मंत्री रामगोपाल बिश्नोई, बीकानेर जिला अध्यक्ष महीराम दिलोइया सहित कई पदाधिकारी, संत-महंत और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि आंदोलन की शुरुआत 18 जुलाई 2024 को खेजड़ला की रोही नोखादैया में हुई थी। धरने के 66वें दिन 21 सितंबर 2024 को पहली बार मुख्यमंत्री से वार्ता हुई थी। दूसरी वार्ता 9 नवंबर 2024 को कुचेरा की चुनावी सभा में औपचारिक रूप से हुई, जबकि तीसरी वार्ता बुधवार को सचिवालय में विस्तृत रूप से संपन्न हुई।
👉 अब आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक राजस्थान में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होगा, प्रकृति बचाओ आंदोलन का धरना जारी रहेगा।