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नहीं होगा भोजन का संकट, सरकार विशेष श्रेणी के परिवारों को देगी सहायता

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जयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने प्रदेश के समस्त जिला कलक्टर को पत्र लिखकर विशेष श्रेणी के परिवारों को सहायता के संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं। पत्र में बताया गया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लगभग 50 दिन से देश में लॉक डाउन चल रहा है जिसके कारण राज्य के समस्त उद्योग धंधे व्यापार एवं अन्य समस्त प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई हैं। जिसके फलस्वरूप राज्य में मजदूर एवं दैनिक रूप से कार्य करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं तथा उनके सामने आने वाले दिनों में दो वक्त के भोजन के लिए संकट उत्पन्न हो गया है तथा जिस प्रकार कोरोना वायरस का फैलाव हो रहा है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि इस स्थिति के सामान्य होने में काफी समय लगने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य में रोजाना कार्य करके अथवा मजदूरी करने वाले नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, भिखारी, रिक्शा चालक, मंदिर के पुजारी, घोड़ी-बैंड वाले, टैक्सी चालक, बाहर से आए नरेगा श्रमिक, ठेले वाले, रेडी वाले, ऑटो चालक, पनवाड़ी, रेस्टोरेंट में कार्यरत वेटर, रद्दी बीनने वाले, निर्माण मजदूर तथा कोरोना के कारण बंद उद्योगों में लगे हुए मजदूरों आदि के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है । इन विशेष श्रेणियों की सूची उपलब्ध करा दी है। इन विशेष श्रेणी के परिवारों का सर्वे कराया जाकर चिन्हीकरण किया जाना है ।
ऐसे होगा चिन्हीकरण
विशेष श्रेणी के परिवारों के चिन्हित के लिए केवल जना आधार के डेटाबेस को काम में लिया जाएगा।
विशेष श्रेणी के परिवारों के सर्वे हेतु जना आधार डाटा के आधार पर गैर एनएफएसए परिवारों का ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का ग्रामवार या वार्ड वार डाटा 17 मई तक उपलब्ध करवाना है। डाटा जिला स्तर पर जनाधार डेटाबेस से डाउनलोड किया जा सकेगा। इस कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वे के लिए जिला कलेक्टर द्वारा राहत विभाग द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु गठित ग्राम स्तरीय कोर ग्रुप एवं बीएलओ के माध्यम से सर्वे करवाकर उपलब्ध सूची में वर्णित श्रेणियों के पात्र परिवारों का चिन्हीकरण किया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में यह सर्वे का कार्य नगरीय निकाय तथा बीएलओ के माध्यम से करवाया जाएगा। इस सर्वे हेतु कोई भौतिक प्रपत्र काम में न लिया जाकर केवल मोबाइल ऐप के माध्यम से ही सर्वे पूरा किया जाए। सर्वे हेतु नियुक्त कार्मिकों द्वारा इन सूचियों के आधार पर विशेष श्रेणी के परिवारों का चिन्हीकरण कर मोबाइल ऐप में दर्ज किया जाएगा। जनाधार डेटाबेस में सभी परिवारों की मोबाइल नंबर दिए गए हैं। इसलिए सर्वे करने वाले कार्मिक द्वारा घर-घर जाकर अथवा मोबाइल पर संपर्क करते हुए भी सूचना प्राप्त कर मोबाइल ऐप में पात्र परिवार की सूचनाएं दर्ज की जा सकती हैं। सर्वे के अलावा सूची में वर्णित विशेष श्रेणी के परिवारों द्वारा स्वयं भी मोबाइल एप पर अपने परिवार की सूचना दर्द करते हुए पंजीयन कराया जा सकता है। जिला कलेक्टर द्वारा अपने जिले में इस विकल्प के बारे में अधिकाधिक प्रचार किया जाए ताकि अधिकाधिक परिवार अपना पंजीयन स्वयं करवा सकें। जिन परिवारों द्वारा स्वयं अपना पंजीकरण करवा दिया जाता है उनकी सूचना मोबाइल ऐप पर पंजीयन के साथ ही अद्यतन होती रहेगी तथा यह जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वे करने वाले कार्मिकों के पास भी रहेगी। जिससे उन्हें ऐसे परिवारों के पास सर्वे करने नहीं जाना पड़ेगा। मोबाइल ऐप में किसी परिवार की सूचना दर्ज करते समय सर्वप्रथम उसमें जन आधार संख्या को दर्ज किया जाएगा। जिसके फल स्वरुप संबंधित परिवार से संबंधित आवश्यक सूचना मोबाइल ऐप स्वत: ही प्रीपोप्यूलेट हो जाएगी। इसके पश्चात नागरिक अथवा सर्वे कर्ता कर्मचारी को परिवार के व्यवसाय एवं नियुक्ति के संबंध में न्यूनतम जानकारी दर्ज करनी होगी। जिन परिवारों ने अपना पंजीयन स्वयं कराया है जिला कलेक्टर द्वारा उनकी सत्यता की पुष्टि हेतु 10% रैंडम चेकिंग की जाएगी। सर्वे का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मई से व शहरी क्षेत्रों में 24 मई से पूर्व पूरा किया जाना सुनिश्चित करना होगा। मोबाइल ऐप के उपयोग के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जा रहे हैं। मोबाइल ऐप के उपयोग के संबंध में एक वीडियो भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
संभावित पात्र श्रेणियां
नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, भिखारी, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, पनवाड़ी, रेस्टोरेंट में कार्यरत वेटर, रद्दी वाले, निर्माण मजदूर, कोरोना के कारण बंद उद्योगों में लगे मजदूर, होटल अथवा रेस्टोरेंट में कार्यरत मजदूर (माइग्रेट लेबर जो बाहर से आए हुए), ड्राइवर अथवा कंडक्टर (प्राइवेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट), जूते पॉलिश करने वाले, स्ट्रीट वेंडर जो एनएफएसए में नहीं हो, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, मंदिर में पूजा पाठ करने वाले पंडित अन्य पूजा पाठ करने वाले पंडित (कर्मकांडी ), मैरिज पैलेस में काम करने वाले मजदूर, सिनेमा हॉल में काम करने वाले मजदूर, कोचिंग संस्थानों के सफाई अथवा नौकर का कार्य करने वाले व्यक्ति, बैंड वादक अथवा घोड़ी वाला(विवाह आदि समारोह), कैटरिंग कार्य से संबंधित कार्मिक व आरा मशीन श्रमिक।

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